Darbhanga News: दरभंगा. ओरिएंटल कॉलेज ऑफ एजुकेशन, दरभंगा में “नॉलेज, स्कूलिंग एंड एनइपी 2020 ” विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया. इसमें संसाधन पुरुष के रूप में डिपार्टमेंट ऑफ एजुकेशन एंड ट्रेनिंग, मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी, हैदराबाद के एसोसिएट प्रोफेसर, डॉ अश्विनी, डिपार्टमेंट ऑफ एजुकेशन, केंद्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश के डॉ नवनीत शर्मा तथा ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के शिक्षा विभाग के अध्यक्ष डॉ मो. आफाक हाशमी उपस्थित थे. कार्यक्रम की शुरुआत में प्रधानाचार्य डॉ जीएम अंसारी ने सभी संसाधन पुरुषों को पाग एवं स्मृति चिन्ह से सम्मानित किया. छात्र-छात्राओं ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया. डॉ अश्विनी ने शिक्षकों को पाठ्यचर्या से ऊपर उठकर अपने आसपास के वातावरण, विशेष रूप से ग्रामीण वातावरण की जानकारी रखने और बच्चों को उस जानकारी के आधार पर व्यवहारिक ज्ञान देने की बात कही. कहा कि इससे उनमें संस्कृति, भाषा एवं व्यवहार के प्रति ज्ञान विकसित होगा. डॉ नवनीत शर्मा ने शिक्षकों को स्वयं पढ़ने और उसके बाद कक्षा में पढ़ाने की बात की. कहा की बच्चों में प्रश्न पूछने की क्षमता का विकास करना शिक्षकों की जिम्मेदारी है. शिक्षा के माध्यम से हमें अपने आप को समझने की क्षमता विकसित होती है. यदि हम अपने आप को समझ पाने में कामयाब होते हैं, तो जीवन एवं संसार को भी आसानी से समझ पाते हैं. शिक्षकों की जिम्मेदारी है कि बच्चों में अपने आपको समझने की क्षमता विकसित करावें.
बच्चों के माध्यम से शिक्षकों का समाज में होता लाइव टेलीकास्ट- डॉ हाशमी
डॉ हाशमी ने शिक्षकों द्वारा वास्तविक ज्ञान तथा कर्तव्यों का पालन करने की बात की. कहा की बच्चों के माध्यम से शिक्षकों का लाइव टेलीकास्ट समाज में होता है. इसलिए शिक्षकों को रोड रोलर की भांति कार्य करना चाहिए, ताकि उनके छात्र उन पर पूर्ण रूप से विश्वास करें और वे जीवन की सड़क पर तेजी के साथ दौड़ सकें. संचालन मो. सोहराब, स्वागत अभिभाषण डॉ जीएम अंसारी, रिपोर्ट प्रस्तुति डॉ जयशंकर तथा धन्यवाद ज्ञापन घनश्याम कुमार झा ने किया. मौके पर डॉ बजीह अहमद खान, सोनू रजक, डॉ जयशंकर, डॉ नीरज कुमार मणि, हिमांशु, सोम कृष्णा आदि मौजूद थे.
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