ग्रामीणों ने अपनी जमीन से जाने से रोका, सड़क पर शिक्षकों ने बनायी बच्चों की हाजिरी
मुख्य सड़क पर ही शिक्षक-शिक्षिका व छात्र-छात्राओं को घंटों प्रतीक्षा करनी पड़ी.
बेनीपुर. उत्क्रमित प्लस टू उच्च विद्यालय मकरमपुर व प्राथमिक विद्यालय मोमिन टोल के पहुंच पथ को स्थानीय लोगों द्वारा बंद कर दिये जाने के कारण बुधवार को विद्यालय पहुंचने के लिए मुख्य सड़क पर ही शिक्षक-शिक्षिका व छात्र-छात्राओं को घंटों प्रतीक्षा करनी पड़ी. शिक्षकों ने सुबह छह बजे सड़क पर ही विद्यालय में उपस्थिति की तस्वीर खींचकर विभाग को भेज दी. इसके बाद सड़क पर ही खड़े होकर समय व्यतीत करते रहे. इसी बीच पूर्व सूचना पर बीइओ इन्दु सिन्हा वहां पहुंची. उन्होंने शिक्षकों व मार्ग अवरुद्ध करने वालों से बात की. घंटों मशक्कत के बाद ग्रामीण ने एक सप्ताह के लिए विद्यालय पहुंच पथ को खोल दिया. उसके बाद सभी शिक्षक-शिक्षिका व छात्र-छात्राएं विद्यालय में प्रवेश कर सके. इस बीच लगभग दो घंटे विलंब से विद्यालय संचालन प्रारंभ हो सका. विदित हो कि एक ही विद्यालय परिसर में मध्य सह प्लस टू विद्यालय व मोमीन टोल के भवनहीन प्राथमिक विद्यालय का संचालन होता है. इस विद्यालय को अपना पहुंच पथ नहीं है. वर्तमान में जिस मार्ग से बच्चे व शिक्षक विद्यालय जाते थे, उसे ग्रामीण ने मंगलवार को ही घेर दिया. ग्रामीणों का कहना है कि यह उनकी निजी जमीन है. वहीं एचएम इंदिरा देवी का कहना है कि यहां सरकारी जमीन है. विद्यालय के पहुंच पथ को लेकर यह कोई नया विवाद नहीं है. कई वर्षों से विवाद चल रहा है, लेकिन स्थानीय प्रशासन इसके स्थायी निदान के प्रति संजीदगी नहीं दिखा रहा है. इसीका परिणाम है आज एक साथ तीन-तीन शिक्षण संस्थान का मार्ग अवरुद्ध हो गया है. इस संबंध में पूछने पर बीइओ ने कहा कि स्थानीय लोग से बातचीत कर तत्काल एक सप्ताह के मोहलत पर विद्यालय का मार्ग खुलवा दिया गया है. इसकी सूचना डीइओ, एसडीओ समेत अन्य अधिकारी को दे दी गयी है. इधर सूचना पर दोपहर में सीओ अश्विनी कुमार व बहेड़ा थानाध्यक्ष चंद्रकांत गौरी भी विद्यालय पर पहुंचे. मामले की जांच की. सीओ ने बताया कि अभी जिस मार्ग को ग्रामीण अवरूद्ध किया है, वह निजी जमीन है. वैसे विद्यालय के अगल-बगल कुछ सरकारी जमीन है. फिलहाल ग्रामीण से बात कर मार्ग को तीन माह के लिए चालू कर दिया गया है. इसी बीच पूरे मामले की जांच कर सरकारी भूमि जहां होगी, वहां से रास्ता चालू कर दिया जायेगा. इधर तीन माह का लंबा समय लिए जाने पर विद्यालय के एचएम व अन्य शिक्षकों ने नाराजगी जाहिर की है. कहा है कि इसमें अंचल प्रशासन को त्वरित कार्रवाई करते हुए सरकारी भूमि चिह्नित कर विद्यालय के पहुंच मार्ग चालू कराना चाहिए. प्रशासन के इसी टालमटोल के कारण यह विवाद गत आठ माह से अटका हुआ है. बरसात से पहले इसे चालू नहीं किया गया तो छात्र-छात्राओं को विद्यालय आने-जाने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.
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