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सजनपुरा में गहराया पेयजल संकट, टेंगराही में चापाकलों से पानी आना बंद

इलाके के भू-गर्भीय जलस्तर के 18 से 19 फीट खिसक जाने से एक बार फिर प्रखंड के लोगों पर जलसंकट मंडराने लगा है.

बेनीपुर. चिलचिलाती धूप व उमस भरी गरमी के कारण इलाके के भू-गर्भीय जलस्तर के 18 से 19 फीट खिसक जाने से एक बार फिर प्रखंड के लोगों पर जलसंकट मंडराने लगा है. कमला नदी के तट पर बसे सजनपुरा पंचायत के टेंगराही वार्ड 14 में कई लोगों के चापाकल ने पानी देना बंद कर दिया है. इसे लेकर यहां के लोग पेयजल के लिए दर-दर भटक रहे हैं. वहीं कन्हौली, सजनपुरा, कटवासा, मलौल, टेंगराही मिलकर 16 वार्डों के सजनपुरा पंचायत के अधिकांश लोगों के चापाकल ने पानी देना कम कर दिया है. इससे लोगों को पानी की कमी होने का भय सताने लगा है. हालांकि कहने के लिए तो पंचायत के सभी वार्डों में लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत लगभग 30 करोड़ की लागत से नल-जल लगाया गया, परंतु यह योजना धरातल लाभकारी रूप में नहीं उतर सकी. कई जगह तो लगे जलमीनार के सिंटेक्स हवा में उड़ गये. वहीं जगह-जगह घटिया निर्माण के कारण पाइप लाइन क्षतिग्रस्त अवस्था में है. इसे चालू करने की दिशा में किसी तरह की विभागीय पहल नहीं की जा रही है. सबसे दयनीय स्थित टेंगराही गांव की है. यहां के लोगों के चापाकल ने पानी देना बंद कर दिया है. वार्ड सदस्य गंगा राम यादव ने बताया कि 19 लाख की लागत से वार्ड में नल-जल लगा, लेकिन घटिया निर्माण के कारण आज यह बेकार पड़ा हुआ है. उन्होंने बताया कि कार्यकाल में अपने स्तर से 18 हजार रुपये से इसकी मरम्मत भी करायी, परंतु इसका भुगतान प्रखंड से अभी तक नहीं हुआ. पुन: तकनीकी खराबी के कारण नल-जल बंद पड़ा हुआ है. कमोबेश यही हाल पंचायत के वार्ड एक से पांच तक सजनपुरा, छह से 10 तक कन्हौली, 11 से 13 तक मलौल, 14 टेंगराही व 15, 16 कटवासा का है. प्रत्येक वार्ड में नल-जल का टावर लोगों को चिढ़ा रहा है. कहीं से एक बूंद पानी टपक नहीं रहा है. इधर लोगों को पीने की पानी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है. मुखिया कुंदन कुमार सिंह का कहना है कि पंचायत का एक भी नल-जल चालू नहीं है. घटिया निर्माण होने के कारण अधिकांश जगह पाइप क्षतिग्रस्त हो चुके हैं. कहीं मोटर जला हुआ है. पंचायत के अधीन जबतक नल-जल था, तबतक समय-समय पर इसकी मरम्मति की जाती थी. सात माह पूर्व सरकार के आदेश के आलोक में सभी नल-जल को पीएचइडी के हवाले कर दिया गया है. उसके बाद से इसे कोई देखने वाला भी नहीं है. उन्होंने कहा कि मात्र एक या दो वार्ड के कुछ परिवार को पानी मिल रहा है. इसके लिए पीएचइडी के अभियंता को कई बार लिखा गया.है. विभागीय सहायक अभियंता रोहित मौर्य ने कहा कि भीषण गर्मी व तपिश के कारण बेनीपुर क्षेत्र में 18 से 19 फीट जलस्तर नीचे खिसक गया है. इससे साधारण चापाकल पानी देना कम कर दिया है. पंचायत के नल-जल को चालू करने के लिए फिलहाल विभाग के पास कोई फंड नहीं है. पूर्व में कुछ राशि उपलब्ध करायी गयी थी, जिससे पांच पंचायत के नल-जल की आंशिक मरम्मत की गयी थी, जो चल रही है.

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