Darbhanga News: दरभंगा. डब्ल्यूआइटी में भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग की छह दिवसीय कार्यशाला सोमवार को संपन्न हो गयी. अभियंत्रण के विभिन्न पत्रों के अंग्रेजी, हिन्दी,मैथिली में शब्दावली निर्माण के लिए आयोजित कार्यशाला के समापन समारोह में कुलपति प्रो. संजय कुमार चौधरी ने इंजीनियरिंग के त्रिभाषा शब्द-संग्रह (अंग्रेजी- हिन्दी -मैथिली) कार्य की सराहना की. कहा कि यह आयोजन मैथिली भाषा के विकास में सहायक होगा. छात्रों और शोधकर्ताओं को मातृभाषा में तकनीकी शब्द की समझ विकसित करने में सहायता मिलेगी. कहा कि इस शब्द-संग्रह से मैथिली भाषा में तकनीकी विषयों के पुस्तकों का लेखन कार्य आसान हो जाएगा. इससे तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा.
नयी शिक्षा नीति का उद्देश्य शिक्षा के क्षेत्र में समग्र सुधार लाना
कुलपति प्रो. चौधरी ने कहा कि नयी शिक्षा नीति का उद्देश्य शिक्षा के क्षेत्र में समग्र सुधार लाना है. इससे सभी छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सकेगी. उन्होंने शिक्षण के नए तरीकों और तकनीकी शब्दावली के प्रयोग पर जोर दिया. कहा कि इस शब्द कोष से इन विषयों में होने वाले पुस्तक लेखन में सरलता एवं एकरूपता आएगी.तकनीकी विषय के विशेषज्ञ और मैथिली भाषा के विशेषज्ञ हुए शामिल
आयोग के अधिकारी दीपक कुमार और ईं. सुमित कुमार भारती ने कहा कि बैठक में तकनीकी विषय के विशेषज्ञ और मैथिली भाषा के विशेषज्ञ शामिल हुए. 18 हजार शब्दावली निर्माण प्रक्रिया में सक्रिय भाग लिया. डब्ल्यूआइटी निदेशक प्रो. प्रेम मोहन मिश्रा ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि संस्थान में इस प्रकार की बैठकें न केवल शिक्षकों और छात्रों के लिए बल्कि समाज के लिए भी लाभकारी है. कहा कि इस तरह की पहल से मैथिली भाषा को नई पहचान मिलेगी और यह तकनीकी क्षेत्र में भी अपना स्थान बना सकेगी. प्रो. मिश्रा ने कार्यशाला में योगदान देने वालों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया. कहा कि तकनीकी शब्दावली का निर्माण एक सतत प्रक्रिया है. इसमें सभी का सहयोग आवश्यक है. यह कदम न केवल वर्तमान पीढ़ी के लिए, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी फायदेमंद होगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है