दरभंगा. कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के बहुउद्देश्यीय भवन में शिक्षा शास्त्र विभाग की एनएसएस इकाई की ओर से योग, स्वास्थ्य व स्वच्छता विषय पर 30 मई से पांच जून तक आयोजित विशेष शिविर का उद्घाटन कुलपति प्रो. लक्ष्मी निवास पांडेय ने किया. कुलपति प्रो. पांडेय ने कहा कि यूं तो सभी भाषाएं अच्छी होती है, लेकिन संस्कृत कई मामलों में अलग है. इस भाषा के छात्र अध्यात्म व धर्म के ज्यादा करीब रहते हैं. ये संस्कार व संस्कृति के वाहक होते हैं. सामाजिक सरोकारों से इसका सीधा जुड़ाव रहता है. आचार-विचार व नीति सिद्धांत के ये पोषक होते हैं. इनकी मानसिक स्थिति मजबूत होती है. कहा कि यही कारण है कि संस्कृत के छात्र आतंकवादी नहीं बनते हैं. यह हम सभी के लिए गौरव की बात है. कुलपति ने स्वयंसेवकों को प्रोत्साहित करते हुए खुद में व समाज में सामुदायिक भावना को विकसित करने को कहा. कहा कि सामाजिकता व राष्ट्रीयता की बड़ी व दोहरी जिम्मेदारी आप पर है. यहां से डिग्री हासिल कर आप जहां कहीं भी जाएं, तो संस्कृत व संस्कृति की रक्षा के लिए सदैव सचेष्ट रहें. कुलपति ने कहा कि स्वच्छता सुनने व पढ़ने में बहुत छोटा लगता है, लेकिन इसकी परिधि बहुत बड़ी है. तन, मन एवं आंतरिक व बाह्य स्वच्छता को परिभाषित किया. कहा कि सफाई कर्मी भी हमारे आपके बीच के ही होते हैं. उनके प्रति सद्भाव रखिये. उन्हें उचित सम्मान दीजिये. सामुदायिकता की भावना को विकसित कर हम खुद व समाज दोनों को स्वच्छ रख सकते हैं. कुलपति ने कहा कि आज की संस्कृत अहल्या बन गयी है. पूरी तरह से निर्जीव सरीखी हो गयी है. इसमें जान फूंकनी है. इस कार्य को आप सभी आगे बढ़ा सकते हैं. विशेष शिविर में भी आप सभी संस्कृत सम्भाषण का कार्यक्रम रखें. समाज में जहां जाएं, वहां संस्कृत में बोलें. इसे व्यवहार में लाएं. इससे माहौल परिवर्तित होगा और इस भाषा के प्रति समाज में अनुराग बढ़े. संस्कृत भारती के संगठन मंत्री श्रवण कुमार ने संस्कृत को बोलचाल में लाने पर बल दिया. निदेशक डॉ घनश्याम मिश्र ने अतिथियों का स्वागत किया. विश्वविद्यालय के एनएसएस समन्वयक डॉ सुधीर झा ने विशेष शिविर के औचित्य व व्यापकता को समझाया. कहा कि विशेष शिविर के लिए सुंदरपुर वीरा गांव का चयन किया गया है. इसके पूर्व मुकेश कुमार, चित्रसेनजीत पांडेय, सुमित कुमार झा व सुशांत कुमार मिश्र आदि ने मंगलाचरण प्रस्तुत किया. छात्राओं ने स्वागत गान व कुलगीत गाया. धन्यवाद ज्ञापन डॉ प्रीति रानी ने किया. कार्यक्रम में पवन सहनी, संजीव कुमार, अमन राय, गोपाल कुमार महतो, अनामिका कुमारी, श्रीधर कुमार, राकेश कुमार, अरुण कुमार शर्मा आदि मौजूद थे.
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