दरभंगा. संस्कृत विश्वविद्यालय के कर्मी आपस में संस्कृत में वार्तालाप कर सकें इसके लिये कर्मियों को लगातार प्रशिक्षण दिया जा रहा है. मंगलवार से प्रशिक्षण का दूसरा चक्र शुरू हुआ. कुलपति प्रो. लक्ष्मी निवास पांडेय, प्रतिकुलपति प्रो. सिद्धार्थ शंकर सिंह आदि ने कर्मियों को संस्कृत संभाषण का गुर सिखाया. दरबार हॉल में दूसरे चरण का प्रशिक्षण 10 दिनों तक चलेगा. शिविर प्रतिदिन दोपहर तीन से शाम पांच बजे तक संचालित किया जायेगा. पीआरओ निशिकांत ने बताया कि प्रशिक्षण के प्रभारी स्नातकोत्तर धर्मशास्त्र विभाग के अध्यक्ष प्रो. दिलीप कुमार झा एवं ज्योतिष विभाग के अध्यक्ष डॉ कुणाल कुमार झा बनाये गए हैं. शिविर का पर्यवेक्षण प्रतिकुलपति प्रो. सिद्धार्थ शंकर सिंह करेंगे. शिविर की व्यवस्था डॉ रविन्द्र कुमार मिश्र एवं कुन्दन कुमार भारद्वाज देखेंगे. जो कर्मचारी सात से 16 जून तक चले पिछले शिविर में पर्याप्त अभ्यास नहीं कर सके थे, वे भी इसमें अभ्यास कर सकेंगे. इसके अलावा सभी पदाधिकारी भी संस्कृत सम्भाषण का लाभ लेंगे. पीआरओ ने बताया कि मुख्यालय के अलावा अब सभी कोटि के महाविद्यालयों को में भी संभाषण शिविर का आयोजन होगा. कुलपति प्रो. पांडेय की अध्यक्षता में 28 मई को हुई आइक्यूएसी की बैठक में यह निर्णय लिया जा चुका है. निर्णय के मुताबिक सभी महाविद्यालयों में सत्रारंभ के मौके पर जुलाई में 10 दिनों का दो संस्कृत संभाषण शिविर का आयोजन किया जाना है. एक शिविर नव नामांकित छात्रों के लिए तथा दूसरा शिविर पूर्व के छात्र एवं स्थानीय लोगों के लिये होगा. सीसीडीसी डॉ दिनेश झा ने सभी प्रधानाचार्यों को इस आशय का पत्र भी लिखा है. पत्र में कहा गया है कि पूरे जुलाई माह में महाविद्यालय एवं आसपास के समाज में संस्कृत व्यवहार एवं संस्कृत प्रचार के लिए वातावरण बनाने का सक्रिय प्रयास करें.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है