संस्कृत विश्वविद्यालय में चार वर्षीय शास्त्री पाठ्यक्रम के सेमेस्टर तीन से आठ तक की विषय वस्तु पर हुआ मंथन
पाठ्यक्रम निर्माण समिति सदस्यों एवं सभी पीजी विभागाध्यक्षों की बैठक शुक्रवार को प्राधिकार शाखा में हुई.
दरभंगा. कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय में चार वर्षीय शास्त्री पाठ्यक्रम के सेमेस्टर तीन से आठ तक की विषय वस्तु पर मंथन के लिए शुक्रवार को पाठ्यक्रम निर्माण समिति सदस्यों एवं सभी पीजी विभागाध्यक्षों की बैठक शुक्रवार को प्राधिकार शाखा में हुई. इसमें फाइनल ड्राफ्ट पर मुहर लगा दी गयी. संकायाध्यक्षों की बैठक में इसे अंतिम रूप दिया जायेगा. यह ड्राफ्ट विधिवत प्रक्रिया के तहत एकेडमिक काउंसिल, सिंडिकेट व सीनेट से अनुमोदित होकर स्वीकृति के लिए राजभवन भेजा जायेगा. पीआरओ निशिकांत के अनुसार द्वितीय सेमेस्टर की परीक्षा के बाद व्यावसायिक प्रशिक्षण जुलाई में होगा. यह प्रशिक्षण चार क्रेडिट का होगा जिसे 10 दिनों में पूरा करना होगा. इसके लिए कुल चयनित विषयों में कुंडली निर्माण, वास्तु विज्ञान, पंचांग बोध प्रशिक्षण, कर्मकांड, संस्कृत सम्भाषण, कथाप्रवचन, न्यास योग, अनुवाद प्रशिक्षण, पंजी प्रबंधन शामिल है. व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए छात्र इसमें से किसी एक विषय का चयन कर सकता है. प्रशिक्षण सभी छात्रों के लिए जरूरी है. इसके बाद ही उसे शास्त्री का प्रमाण पत्र दिया जायेगा. डॉ सुरेश्वर झा की अध्यक्षता एवं डीन डॉ शिवलोचन झा के संयोजन में आयोजित बैठक में यह भी तय किया कि पांचवें सेमेस्टर में छात्रों को इंटर्नशिप भी करना होगा, जो चार क्रेडिट का होगा और उसे 20 दिनों में पूरा करना होगा. यह प्रमाणपत्र प्रधानाचार्य निर्गत करेंगे. बैठक में डॉ दयानाथ झा, डॉ कुणाल कुमार झा, डॉ शम्भू शरण तिवारी, डॉ रामसेवक झा, डॉ वरुण कुमार झा, डॉ यदुवीर स्वरूप शास्त्री, डॉ कृष्णानंद झा, डॉ प्रभाष चंद्र, डॉ दिनेश्वर यादव, डॉ विनय कुमार मिश्र, डॉ दिलीप कुमार झा, डॉ रेणुका सिंहा, डॉ पवन कुमार झा मौजूद थे.
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