डीएमसीएच में शौचालय की सफाई पर हर माह 43.99 लाख रुपये खर्च, मरीज संतुष्ट नहीं

डीएमसीएच में शौचालयों की सफाई व्यवस्था पर अस्पताल प्रशासन करीब 43.99 लाख रुपये हर माह खर्च कर रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | July 25, 2024 10:56 PM

अजय कुमार मिश्रा, दरभंगा. डीएमसीएच में शौचालयों की सफाई व्यवस्था पर अस्पताल प्रशासन करीब 43.99 लाख रुपये हर माह खर्च कर रहा है. अस्पताल में थ्री स्टार लेवल की सफाई व्यवस्था सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी सुलभ इंटरनेशनल को दी गयी थी, लेकिन शौचालयों की सफाई मामले में संस्था फिसड्डी साबित हो रहा है. पिछले वर्ष एक नवंबर से बेहतर साफ- सफाई के मद्देनजर संस्थान ने अस्पताल के बाथरूम एवं शौचालयों की सफाई काम संभाला, लेकिन स्थिति में कोई विशेष बदलाव की बात लोग नहीं कर रहे. अधिकांश विभागों में स्थित शौचालय, स्नानागार व यूरिनल उपयोग के लायक नहीं है. बदबू एवं गंदगी के कारण यह स्थिति बनी है. मरीज व परिजन इसकी अस्पताल प्रबंधन से लगातार शिकायत कर रहे हैं. सुलभ इंटरनेशनल एवं अस्पताल प्रशासन के बीच हुये समझौते के मुताबिक संस्था को थ्री स्टार लेवल की सफाई व्यवस्था देनी थी. इसके तहत हर शौचालय पर सफाई व्यवस्था को लेकर एक-एक कर्मी की 24 घंटे डयूटी लगनी थी. साथ ही शौचालयों के टूटे- फूटे नल, पाइप, पैन आदि को भी बदलना था. जानकारी के अनुसार इसका समुचित तरीके से अनुपालन नहीं किया जा रहा है. सफाई कर्मी 24 घंटे में एक से दो बार ही शौचालयों की सफाई करते हैं. कई शौचालय में नल, पाइप, पैन आदि सामान टूटे- फूटे हैं. करार के मुताबिक इन्हें बदला नहीं जा रहा. इन सब कारणों से शौचालयों की स्थिति बदतर बनी हुई है. जानकारी के अनुसार डीएमसीएच में के विभिन्न विभागों में 2075 शौचालय है. इसकी सफाई के एवज में सुलभ इंटरनेशनल को 43.99 लाख रुपया हर माह दिया जाता है. अस्पताल में शौचालय का कुल 83 यूनिट है. एक यूनिट में 25 बाथरूम आता है. संस्था को प्रति यूनिट 53 हजार रुपये दिया जाता है. इस प्रकार शौचालय की साफ- सफाई पर कुल मिलाकर 43.99 लाख रुपये हर माह व्यय हो रहे हैं. बेनीपट्टी से इलाज कराने आये मरीज रमेश सहनी का कहना है कि अस्पताल का शौचालय काफी गंदा है. बाहर में निजी क्षेत्र के संस्था के शौचालय की सफाई इससे बेहतर है. हायाघाट के मरीज संतोष झा का कहना है कि शौचालय की लगातार सफाई नहीं होती. शौचालय से उठते दुर्गंध के कारण उसका उपयोग करना सहज नहीं होता. उपाधीक्षक डॉ हरेंद्र कुमार ने बताया कि अस्पताल के शौचालयों की सफाई पर लाखों रुपये खर्च हो रहे हैं. सुलभ इंटरनेशनल के कर्मियों को 24 घंटे सफाई के लिये वहां रहना है. करार के मुताबिक सफाई कार्य में लापरवाही बरतने पर संस्था पर कार्रवाई की जायेगी.

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