Darbhanga News: आनेवाले समय में व्यवसाय का रूप लेगा बीज उत्पादन: विपिन

Darbhanga News:देश में 80 प्रतिशत लोग खेती पर निर्भर हैं. प्रमाणित बीज उत्पादन के क्षेत्र में राज्य सरकार व कृषि विभाग जोर दे रही है.

By Prabhat Khabar News Desk | October 24, 2024 10:50 PM
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Darbhanga News: बहादुरपुर. देश में 80 प्रतिशत लोग खेती पर निर्भर हैं. प्रमाणित बीज उत्पादन के क्षेत्र में राज्य सरकार व कृषि विभाग जोर दे रही है. ये बातें डीएओ सह परियोजना निदेशक आत्मा विपिन बिहारी सिन्हा ने गुरुवार को प्रेक्षागृह में कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंध अभिकरण आत्मा द्वारा आयोजित प्रमाणित गेहूं बीज उत्पादन योजना के तहत किसानों के बीज उत्पादन प्रशिक्षण के दौरान कही. उन्होंने कहा कि जिला में पहली बार प्रमाणित गेहूं के बीज उत्पादन के लिए लक्ष्य निर्धारित किया गया है. किसी भी फसल के लिए सबसे महत्वपूर्ण बीज ही होता है. बीज उत्पादन के लिए राज्य सरकार व कृषि विभाग किसानों को प्रोत्साहन राशि भी उपलब्ध करा रही है. आनेवाले समय में बीज उत्पादन एक व्यवसाय साबित होगा. उन्होंने कहा कि किसानों द्वारा उत्पादित बीज को बीआरबीएन बीज निगम द्वारा उचित मूल्य पर खरीद की जायेगी. वहीं प्रक्षेत्र के सहायक निदेशक शष्य नगमा सदाब ने प्रमाणित गेहूं बीज उत्पादन योजना की जानकारी दी. कहा कि जिले के पांच प्रखंडों को प्रमाणित गेहूं बीज उत्पादन के लिए चयन किया गया है. इन प्रखंडों के 660 चयनित किसानों को प्रशिक्षित किया जायेगा. इसमें अलीनगर में 50 हेक्टेयर में बीज उत्पादन किया जायेगा. इसी प्रकार बहेड़ी में 300 हेक्टेयर, बिरौल में 150 हेक्टेयर, हायाघाट में 50 हेक्टेयर व घनश्यामपुर प्रखंड में 50 हेक्टेयर में प्रमाणित गेहूं बीज उत्पादन कराया जाएगा. क्षेत्रीय धान अनुसंधान केंद्र के प्राध्यापक डॉ साजिद हुसैन ने प्रमाणित गेहूं बीज उत्पादन की तकनीकी पर विस्तृत जानकारी दी. कहा कि गेहूं की खेती से पहले खेतों को समतल एवं नमी देखना आवश्यक है. पर्याप्त मात्रा में नमी होने की स्थिति में ही गेहूं की बोआई करनी चाहिए, ताकि बीज का अंकुरण अच्छी हो सके. साथ ही गेहूं के खेतों में उगने बाले खर-पतवार पर भी निगरानी रखने की जरुरत है. डॉ राजेंद्र प्रसाद केद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के वैज्ञानिक ने प्रमाणित गेहूं बीज उत्पादन की तकनीकी पर प्रकाश डाला. बीज विश्लेषण प्रयोगशाला के सहायक निदेशक अमित रंजन ने संचालन करते हुए बोआई से पहले बीज उपचार की सलाह दी. मौके पर मिट्टी जांच के सहायक निदेशक डॉ शिवेश कुमार, एसएओ हरिमोहन मिश्र, बिरौल एसएओ कविता कुमारी, कृषि अभियंत्रण के सहायक निदेशक डॉ आकांक्षा, सुमन कुमार, संजीव कुमार झा, विभिन्न प्रखंडों के कृषि समन्वयक सहित दर्जनों किसान मौजूद थे.

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