Darbhanga News : दोनार रेल फाटक पर सड़क जाम की समस्या से शीघ्र छुटकारा के आसार नहीं
यूं तो शहर के तमाम रेल फाटकों पर रोड ओवर ब्रिज (आरओबी) का निर्माण अपरिहार्य है
दरभंगा.
यूं तो शहर के तमाम रेल फाटकों पर रोड ओवर ब्रिज (आरओबी) का निर्माण अपरिहार्य है, लेकिन सबसे अधिक शिद्दत से इसकी जरूरत दोनार रेल फाटक पर महसूस की जा रही है. इसे बदकिस्मती ही कहा जायेगा कि इसकी स्वीकृति सबसे आखिरी में हो सकी. अन्य स्थानों पर स्वीकृति के बाद निर्माण आरंभ होने से लोगों को जल्द ही इस गुमटी पर भी पुल निर्माण कार्य आरंभ हो जाने की उम्मीद थी, लेकिन विभागीय लचर व्यवस्था के कारण बहुत जल्द यहां सड़क जाम की समस्या से छुटकारा मिलने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं. कारण कतिपय कारणों से इसका टेंडर विभाग ने रद्द कर दिया है. हालांकि टेंडर रद्द होने का स्पष्ट कारण तो नहीं बताया गया है, लेकिन जानकार बताते हैं कि सदर अंचल स्तर से अभी तक भूमि चिन्हित कर उसकी रिपोर्ट नहीं सौंपे जाने के कारण काम धरातल पर नहीं उतर पा रहा है.मुख्य सड़क के बीच से गुजर रही रेल लाइन
दरभंगा-समस्तीपुर रेल खंड शहर को दो हिस्सों में बांट रहा है. दरभंगा जंक्शन से लेकर लहेरियासराय स्टेशन तक आधा दर्जन से अधिक स्थानों पर रेल फाटक बने हुए हैं, जो ट्रेन के आवागमन के दौरान बंद कर दिये जाते हैं. इसमें दोनार चौक के समीप की गुमटी अन्य की तुलना में अधिक महत्वपूर्ण है. इसकी वजह यह है कि दरभंगा-कुशेश्वरस्थान स्टेट हाइवे इससे होकर गुजरती है, जिससे जिला की करीब आधी आबादी को आवागमन करना होता है. साथ ही सहरसा व खगड़िया जिला आने-जानेवालों के लिए भी यह खास पथ है. ऐसे में इसके अक्सर व लंबे समय तक बंद रहने से खासी परेशानी होती है. वीआइपी रोड तक जाम लग जाता है. रेलवे लाइन के दूसरी ओर रहनेवाली आबादी को विशेषकर मरीज व स्कूली बच्चों को समस्या झेलनी पड़ती है.
लोस चुनाव से पहले मिली थी स्वीकृति
शहर के सबसे व्यस्ततम रेलवे समपार फाटक 25 (स्पेशल) दोनार गुमटी पर आरओबी निर्माण की स्वीकृति लोकसभा चुनाव से ठीक पहले पिछले साल अगस्त महीने में दी गयी थी. 134.5 करोड़ की लागत से इस आरओबी निर्माण को स्वीकृति प्रदान की गयी थी. इसका निर्माण बिहार राज्य पथ विकास निगम लिमिटेड, पीआइयू, मुजफ्फरपुर को इसका निर्माण करना है. टेंडर जारी किये जाने से लोगों में इसके शीघ्र निर्माण की आस जगी थी, जो फिलहाल धूमिल नजर आ रही है. इस बाबत जिला भूअर्जन पदाधिकारी बालेश्वर प्रसाद ने संपर्क करने पर बताया कि उनके पास भू-अर्जन से संबंधित किसी तरह का दिशा-निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है.
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