सदर. कुवैत की इमारत में लगी भीषण आग में नैनाघाट वार्ड छह निवासी मरहूम इस्लाम खां के पुत्र काले खां (23) की भी मौत हो गयी. यह खबर मिलते ही परिवार में शादी की खुशियां मातम में बदल गयी है. काले खां छह साल से कुवैत में काम कर रहा था. उसकी शादी नेपाल में तय थी. शादी के लिए पांच जुलाई को वह वतन लौटने वाला था. इस घटना ने परिवार के सपने को चूर-चूर कर दिया. काले खां प्रतिदिन अपनी सौतेली मां से बात करता था. मंगलवार की मध्य रात्रि 12.18 बजे भी मां से बातचीत हुई थी. उसी दिन शाम छह बजे मझियाम के एक बिजली मिस्त्री से भी काले ने बात की थी. बुधवार को उसने बात नहीं की, तो मां को चिंता हुई. फोन नहीं लग रहा था. इसी बीच टीवी पर कुवैत की इमारत में आग लगने की घटना की जानकारी मिली. यह देख मां सगे-संबंधियों को फोन कर जानकारी लेने लगी. चाचा मोकिब खां ने वहां रह रहे गांव के ही एक लड़के से बात की, तो उसने वहां पहुंचकर जानकारी लेने की बात कही. गुरुवार अपराह्न चार बजे वहां से कॉल आया कि काले खां का इंतकाल हो गया है. अस्पताल से शव को रिलीज कर दिया गया. चाचा ने दरभंगा एयरपोर्ट का एड्रेस लिख दिया है. अब वहां से सप्ताह-दस दिन में शव पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है. काले खां सात भाइयों में छठे स्थान पर था. बड़े सभी भाई बाहर नौकरी करते हैं. सबसे छोटा भाई बाहर रहकर पढ़ता है. परिवार वालों ने बताया कि काले कुवैत में एक मॉल में श्रमिक के रूप में काम करता था. कुवैत जाने के बाद भी वह प्रतिदिन माता-पिता व भाइयों से बात करता था. हर दो साल पर वह घर आता था. उसकी मां ने बताया कि बेटा हमेशा से ही परिवार की जिम्मेदारियों को समझता था. उसकी मौत से परिवार के सभी सदस्य टूट गए हैं. काले खां के पिता की तीन शादी थी. पहली पत्नी से पांच पुत्र हुए. इसके बाद पत्नी का इंतकाल हो गया. उसके बाद पिता ने दूसरी शादी की. उससे काले खां हुआ. फिर दूसरी पत्नी के इंतकाल होने पर पिता ने तीसरी शादी की. वर्तमान में काले सौतेली मां व छोटे भाई के साथ ही रहता था.
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