Darbhanga News: डोला पर आ रहीं शक्ति देवी दुर्गा, मुर्गा पर करेंगी प्रस्थान
Darbhanga News:दो अक्तूबर को पितृपक्ष संपन्न होने के बाद अगले दिन से शारदीय नवरात्र आरंभ हो जायेगा. कलश स्थापन के संग शक्ति की अधिष्ठात्री देवी भगवती दुर्गा की पूजा-अर्चना शुरू हो जायेगी.
Darbhanga News: दरभंगा. दो अक्तूबर को पितृपक्ष संपन्न होने के बाद अगले दिन से शारदीय नवरात्र आरंभ हो जायेगा. कलश स्थापन के संग शक्ति की अधिष्ठात्री देवी भगवती दुर्गा की पूजा-अर्चना शुरू हो जायेगी. शक्ति उपासक क्षेत्र मिथिला में इसकी तैयारी जोर-शोर से चल रही है. एक तरफ सार्वजनिक पूजा स्थलों पर पंडाल निर्माण का काम तेज गति से जहां चल रहा है, वहीं दूसरी ओर देवी मंदिरों में भी इसका प्रबंध किया जा रहा है. श्यामा धाम में इस अवसर पर विशेष अनुष्ठान की तैयारी है. श्रद्धालु अपने-अपने घरों में माता की पूजा-अर्चना की तैयारी में जुटे हैं. इस बार पूरे नौ दिन का नवरात्र है, दसवें दिन विजयादशमी होगा. प्रतिमा विसर्जन के पश्चात जयंती धारण के साथ शारदीय नवरात्र आगामी 12 अक्तूबर को संपन्न हो जायेगा.
आगमन वाहन अकाल मृत्यु तो प्रस्थान वाहन रोग-विकलता कारक
देवी दुर्गा के आगमन व प्रस्थान वाहन के आधार पर आनेवाले साल की स्थिति का पूर्वानुमान लगाया जाता है. इस बार भगवती का आगमन डोला पर हो रहा है. वहीं देवी दुर्गा चरणायुध यानी मुर्गा पर प्रस्थान कर रही हैं. ये दोनों का फलाफल शुभकारक नहीं है. पंचांगकार पंडित विश्वनाथ शास्त्री के अनुसार डोला पर भगवती के आगमन का मतलब है कि आनेवाले समय में अकाल मृत्यु की संख्या अधिक रहेगी. वहीं मुर्गा पर प्रस्थान रोग-विकलता रहने का संकेत है.दोपहर तीन बजे तक कलश स्थापन का मुहूर्त
कलश स्थापन तीन अक्तूबर को प्रतिपदा तिथि में होगा. पं. शास्त्री कहते हैं कि प्रतिपदा दोपहर तीन बजे तक है. इसके बाद अधपहरा आरंभ हो जायेगा, इसलिए कलश स्थापन के लिए दोपहर तीन बजे से पहले तक मुहूर्त उत्तम है. वैसे जितना सबेरे हो कलश स्थापन कर लेना चाहिए.पत्रिका प्रवेश व निशा पूजा एक ही दिन
शारदीय नवरात्र में इस बार बेल न्योति नौ अक्तूबर को होगा. इसके अगले दिन बेल तोड़ी के पश्चात पत्रिका प्रवेश संग भगवती का पट भक्तों के दर्शनार्थ खोल दिया जायेगा. इसी दिन रात में महाष्टमी पर होनेवाली निशा पूजा भी होगी.महाष्टमी व महा नवमी का का व्रत 11 को
इस बार शारदीय नवरात्र में महाष्टमी व महानवमी का व्रत एक ही दिन 11 अक्तूबर को होगा. पंडित शास्त्री के अनुसार, 11 अक्तूबर को सूर्योदय अष्टमी तिथि में हो रहा है, लेकिन कुछ ही पल बाद नवमी आरंभ हो जायेगा. नवमी तिथि का क्षय हो रहा है, यही वजह है कि इस साल महाष्टमी व महानवमी का व्रत एक ही दिन 11 अक्तूबर को होगा.शारदीय नवरात्र में कब क्या
कलश स्थापन- तीन अक्तूबरबेल न्योति- नौ अक्तूबर
बेल तोड़ी- 10 अक्तूबरमहाष्टमी निशा पूजा- 10 अक्तूबर
महाष्टमी व महानवमी व्रत- 11 अक्तूबरविजयादशमी- 12 अक्तूबर
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है