दरभंगा. लनामिवि के पीजी जंतु विज्ञान विभाग की ओर से दो दिवसीय सेमिनार राजकुमारगंज स्थित एक निजी होटल में शुरू हुआ. गुरुवार को ””उद्योग अकादमी इंटरफेस की चुनौतियांं व समाधान एवं रोजगार के अवसर”” विषय पर जेपी विश्वविद्यालय, छपरा के पूर्व कुलपति प्रो. फारुख अली ने विचार रखा. कहा कि जीव विज्ञान और ज्ञान की अन्य शाखाओं में विभिन्न इंटरफेस पर काम करने वाले वरिष्ठ शोधकर्त्ताओं व विद्वानों के प्रयास से स्नातकोत्तर छात्रों को समान पंक्ति में लाना होगा, ताकि कोशिका और आणविक स्तर से लेकर पारिस्थितिकी- तंत्र के अध्ययन स्तर तक विविध क्षेत्रों में जैविक क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण शोध किया जा सके. प्रो अली ने होलिस्टिक अप्रोच, क्रॉस- डिस्सिप्लिनरी इंटिग्रेशन, सिस्टम थिंकिंग और एप्लिकेशन एंड इंप्लिकेशन पर आधारित विषय की चर्चा की. अध्यक्षता प्रो. बीबीएल दास ने की. विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो. प्रेम मोहन मिश्रा ने कहा संगोष्ठी से अनुसंधान के क्षेत्र में उद्योग और शिक्षाविदों के बीच रुचि और सहयोग बढ़ेगी. जंतुविज्ञान विभागाध्यक्ष प्रो.अजय नाथ झा ने संगोष्ठी के स्वरूप और विषय की संरचना पर प्रकाश डाला. आइसर, मोहाली के वैज्ञानिक डॉ इंद्रनील बनर्जी ने पीपीटी के माध्यम से बताया कि बदलते युग, परिवेश और जीवन-शैली में विषाणु जनित रोगों से सुरक्षित रहने के लिए शोध आधारित अध्ययन से यह सिद्ध किया कि रोजाना की आदतों में बदलाव लाकर बीमारियों से बचा जा सकता है. डॉ सुशोभन बानिक ने कांफ्रेंस का परिचयात्मक वर्णन किया. सचिव डॉ पारुल बनर्जी ने कांफ्रेंस के संगठनात्मक संरचना की जानकारी दी. बताया कि दो दिन तक कांफ्रेंस में चार तकनीकी सत्र के होंगे. कांफ्रेंस में कुल 200 शोध आलेख आए हैं. धन्यवाद ज्ञापन डॉ अतनु बनर्जी ने किया. मौके पर ब्राउजर का विमोचन भी किया गया.
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