Darbhanga News: दरभंगा. करीब डेढ़ महीने बाद फिर से हराही तालाब के पानी की सतह पर गंदगी की परत नजर आने लगी है. तालाब में पुन: गाद बनना शुरू हो गया है. पानी का रंग गहरा हरा हो गया है. इस पर गाद जम गया है जिसकी परत मोटी होती जा रही है. ठंड की वजह से अभी पानी व गाद से दुर्गंध कम उठ रहा है. धूप तेज होने पर दुर्गंध बढ़ने से आस-पास रहनेवालों के साथ राहगीरों के लिए बगल से गुजरना मुश्किल होगा. वहीं तालाब के घाट भी बदहाल नजर आने लगे हैं. छठ के दौरान चकाचक किए गए घाटों पर गंदगी का अंबार लग गया है. साथ ही शौच से यह पट गया है. उल्लेखनीय है कि छठ पर्व के मौके पर पानी व घाट को निर्मल करने की याद प्रशासन और श्रद्धालु दोनों को आती है, लेकिन महापर्व गुजरने के बाद इसे अपने हाल पर गंदा होने के लिए छोड़ दिया जाता है. प्रशासन जहां इसकी साफ-सफाई पर गंभीरता से ध्यान नहीं देता, वहीं कतिपय लोग इसे स्वच्छ रखने की जगह गंदा करने में ही जुट जाते हैं.
खत्म हो चुके हैं जलीय जीव
जानकारों के अनुसार, पानी के अंदर आक्सीजन लेवल सही नहीं रहने के कारण जलीय जीव पहले ही खत्म हो चुके हैं. मत्स्य विभाग को केवल सैरात भर से मतलब रहता है. पानी की बदतर स्थिति में सुधार लाने के लिए निगम प्रशासन ने छठ के समय पूरी ताकत झोंक दी थी. अथक प्रयास के बावजूद तदनुरूप सफलता नहीं मिल सकी थी. निगम प्रशासन ने छठ के बाद वाटर ट्रीटमेंट कराने, आस-पास निवासियों द्वारा पानी में कचरा फेंकने पर उनके विरुद्ध भारी अर्थ दंड लगाने की बात कही थी, लेकिन वह धरातल पर अबतक नहीं उतर सका है.
छठ से ढाई माह पूर्व गाद निकालने में जुट गया था निगम
हराही तालाब के उगलते गाद को निकालने में छठ से ढाई माह पूर्व निगम प्रशासन जुट गया था. जाली से छाना गया. सुपर शकर मशीन लगायी गयी. महिलाओं को भी गाद निकालने के लिए लगाया गया. विशेष सफाई के लिए तीनों जोन के 35 मजदूरों को तैनात किया गया. अंत में पानी में आक्सीजन लेवल बढ़ाने के लिए 26 एचपी का चार पंपिंग सेट लगाकर पानी को उलट-पुलट किया गया. एसडीआरएफ की टीम तक की मदद ली गई थी.त्योहार के बाद सुस्त पड़ जाता विभाग
छठ पर्व संपन्न होते ही विभाग व श्रद्धालु सुस्त हो जाते हैं. दबाव पड़ने पर कभी-कभी नगर निगम घाट की सफाई जरूर कराता नजर आ आता है. मत्स्य विभाग पानी के बिगड़ते स्वास्थ्य को ठीक करने की दिशा में तो झांकना तक शायद जरूरी नहीं समझता. इस समस्या के स्थायी निदान की दिशा में ठोस कार्रवाई नहीं किए जाने से हराही तालाब के अस्तित्व पर खतरा मंडराता दिख रहा है. हराही व दिग्घी को जोड़ने वाला नाला सालों से बंद पड़ा है. एरिएशन विधि अपनाने पर विभाग ध्यान नहीं दे रहा है. नगर प्रबंधक रवि अमरनाथ ने बताया कि सप्ताह-दस दिनों पर हराही तालाब की सफाई कराते रहने के लिए कहा गया है. इसके लिए जोन प्रभारियों को निर्देश दिया गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है