बिरौल. प्रखंड में नल-जल योजना को सुचारू रूप से संचालित करने के उद्देश्य से शुक्रवार को एसडीओ उमेश कुमार भारती ने सभी संबंधित विभाग के अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक की. इस दौरान जनप्रतिनिधियों ने पीएचइडी की लापरवाही पर नाराजगी जाहिर की. उनका कहना था कि प्रखंड की लगभग सभी पंचायतों में नल-जल योजना ठप पड़ी हैं और विभाग इसपर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. कुछ पंचायतों में तो चापाकल भी बंद पड़े हैं, जिससे ग्रामीणों को पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है. जनप्रतिनिधियों ने बताया कि प्रखंड के सभी 299 नल-जल योजनाओं में 178 बंद पड़े हैं. कई पंचायतों में स्थिति यह है कि लोग पेयजल के लिए तरस रहे हैं, लेकिन पीएचइडी की ओर से कोई उचित कार्यवाही नहीं की जा रही है. इस मुद्दे पर पीएचइडी के अधिकारी उचित उत्तर देने में असहज दिखे. वहीं, मुखिया संघ के अध्यक्ष सरोज चौधरी, समाजसेवी संजीव झा समेत अन्य जनप्रतिनिधियों ने बताया कि कई बार शिकायत दर्ज करने के बावजूद विभाग की ओर से कोई सकारात्मक पहल नहीं हुई है. उन्होंने विभाग पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया. नल-जल योजना की तत्काल मरम्मत की मांग की. एसडीओ ने पीएचइडी से जहां भी छोटी-मोटी गड़बड़ियां हैं, वहां तुरंत मरम्मत कर नल-जल की सुविधा शुरू कराने का निर्देश दिया. बड़ी समस्याओं वाले क्षेत्र के लिए सितंबर माह में टेंडर जारी होने के बाद नल-जल योजनाओं को नए सिरे से शुरू किये जाने की बात कही. उन्होंने जनप्रतिनिधियों से अपने-अपने पंचायतों में बंद पड़े चापाकलों की सूची जल्द से जल्द उपलब्ध कराने को कहा, ताकि उसकी मरम्मत का कार्य शीघ्र किया जा सके. बैठक में पंचायती राज पदाधिकारी रमेश कुमार, पीएचइडी के सहायक अभियंता धर्मपाल बैठा, कनीय अभियंता कृष्णकांत मंडल, मनोज कुमार सुधांशु, राधामोहन चौधरी, कृष्ण कुमार मिश्र प्रभाकर, दिलीप चौधरी, मिथिलेश कुमार शर्मा, विश्वम्भर पासवान, कुणाल कुमार सहित कई जनप्रतिनिधि व अधिकारी उपस्थित थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है