गौड़ाबौराम. भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने किरतपुर अंचल के भुबाेल स्थित कोसी नदी के पश्चिमी बांध के कटाव स्थल का जायजा लिया. इस दौरान भट्टाचार्य ने बाढ़ पीड़तों का हाल भी जाना. उनकी समस्याओं से अवगत हुए. साथ ही नुकसान और सरकार के राहत-बचाव कार्य का जायजा लिया. बाढ़ पीड़ितों ने बताया कि गांव के विनोद साह व उनकी पत्नी पानी में डूब गये थे. दोनों का शव खोजने के लिए परिजनों को नाविकों को 16 हजार रुपए देने पडे, लेकिन उन्हें अभीतक कोई भी सरकारी मदद नहीं की गयी. लोगों ने बताया कि बाढ़ के एक सप्ताह हो गये, लेकिन अभीतक कोई विधायक, सांसद तथा कोई मंत्री देखने तक नहीं आये. पशुपालक को पशुचारे, शौचालय, पेयजल, भोजन सहित अन्य जरूरी सामान सरकार की ओर से अभीतक उपलब्ध नहीं कराया गया है. इधर दीपंकर भट्टाचार्य ने बताया कि पूरा उत्तर-पूर्व बाढ़ की तबाही झेल रहा है. हजारों लोग बेघर हो गए हैं, लेकिन बिहार की सरकार सात हजार रुपये की मामूली सहायता देकर अपनी जिम्मेवारी से मुक्त हो गयी है. उन्होंने बताया कि इससे भी निंदनीय यह है कि सीएम नीतीश कुमारजी बाढ़ सहित राज्य की अन्य समस्याओं पर फोकस करने की बजाय 2025 के चुनाव की योजना बना रहे हैं. इससे साफ जाहिर है कि उन्हें जनता की नहीं, बल्कि अपनी कुर्सी की चिंता है. उन्होंने बताया कि कोसी तटबंधों का भाजपा-नीतीश सरकार में दो बार टूटना बड़ा सवाल खड़ा करता है. यह सरकार की लापरवाही को दर्शाता है. जिन लोगों के घर ध्वस्त हो गए, उन परिवारों के लिए सात हजार राहत की घोषणा उंट के मुंह में जीरा के समान है. औराई में राहत मांग रहे लोगों पर लाठीचार्य निंदनीय है. मौके पर विधायक संदीप सौरभ, एमएलसी शशि यादव, पार्टी के मिथिलांचल प्रभारी धीरेंद्र झा, कोसी प्रभारी बैद्यनाथ यादव, मधुबनी जिला सचिव ध्रुव नारायण कर्ण, कुमार परवेज, संतोष सहर, राज्य कमेटी सदस्य अभिषेक कुमार, शनिचरी देवी, नेयाज अहमद, बैद्यनाथ यादव, मनोज यादव, रोहित सिंह, संदीप कुमार चौधरी, प्रिंस राज, राजू कर्ण, रानी सिंह, पप्पू खान, मयंक कुमार यादव, केशरी यादव, अशोक पासवान, देवेंद्र कुमार आदि मौजूद थे.
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