उजुआ-सिमरटोका पंचायत के बुढिया सुकरासी गांव में लोगों की सुरक्षा के लिए पुलिस लगातार कर रही कैंप
उजुआ-सिमरटोका पंचायत के बुढिया सुकरासी गांव में लोगों की सुरक्षा के लिए पुलिस लगातार कैंप कर रही है.
संतोष पोद्दार, कुशेश्वरस्थान पूर्वी. उजुआ-सिमरटोका पंचायत के बुढिया सुकरासी गांव में लोगों की सुरक्षा के लिए पुलिस लगातार कैंप कर रही है. ग्रामीणों के अनुसार बदमाशों के डर से लगभग 40 महादलित परिवार पलायन कर गये हैं. इसकी खबर छपते ही प्रशासन एक्शन में आ गया और गांव जाकर लोगों से जानकारी ली. हालांकि उस समय ग्रामीणों ने बदमाशों के डर से नहीं, बल्कि लोन के कारण पलायन की बात कही. ग्रामीणो का कहना है कि अगर बदमाशों के विषय में पुलिस को बताते तो पुलिस के जाते ही बदमाश फिर मारपीट व गोलीबारी करने लगते. उल्लेखनीय है कि कोसी नदी के किनारे बसे बुढ़िया-सुकरासी दरभंगा तथा सहरसा जिला की सीमावर्ती गांव है. यह गांव बदमाशों का सेफ जोन माना जाता है. बदमाश यहां घटना को अंजाम देकर दूसरे जिले में शरण ले लेते हैं. सत्तो यादव हत्याकांड के बाद से इस गांव में गैंगवार पुनः शुरु हो गया है. वर्ष 2010 में दियारा क्षेत्र के उजुआ-सिमरटोका पंचायत समेत तिलकेश्वर ओपी क्षेत्र के कुछ हिस्सों में लगातार हो रही घटनाओं के मद्देनजर उस समय उजुआ-सिमरटोका पंचायत के मध्य विधालय कोदरा तथा मध्य विधालय महादेवमठ पर बीएमपी के जवानों का कैंप दिया गया था. यह कैंप लगभग वर्ष 2018 तक चला. इस दौरान क्षेत्र में अपराधी घटनाओं में काफी कमी आयी थी. जानकारों की मानें तो तिलकेश्वर ओपी तथा कुशेश्वरस्थान थाना जिले का दियारा क्षेत्र है. यह सहरसा, खगड़िया तथा समस्तीपुर जिले की सीमावर्ती क्षेत्र है. यहां अधिक नदी व नाले के साथ-साथ यातायात की व्यवस्था नही रहने के कारण अपराधियों को घटना को अंजाम देने में आसानी होती है. यातायात की कोई व्यवस्था नहीं होने का लाभ अपराधियों को मिल जाता है. जबतक पुलिस प्रशासन पहुंचती, तबतक घटना को अंजाम देने के बाद बगल के जिले खगड़िया तथा सहरसा जिले में अपराधी भाग जाते हैं. ग्रामीण नागो सदा व शंकर सदा ने बताया कि काजल यादव की हत्या के बाद से बराबर बदमाश हमलोगों के साथ मारपीट करते हैं. इसे संबंध में हमलोग थाना पर सूचना देते थे. थाना पर जाकर कहने पर पुलिस पदाधिकारी यह कहकर लौटा देते थे कि जाओ कब तक पुलिस रहेगी. वे लोग बड़े बदमाश हैं. बदमाशों द्वारा परेशान व मारपीट करने तथा महिलाओं के सुरक्षित नहीं रहने पर हमलोग जिला में पुलिस पदाधिकारी से इसकी शिकायत की. 22 मई को दरभंगा में एसएसपी सहित कई अन्य वरीय अधिकारियों को ज्ञापन देकर खेतों में लगी तैयार मक्के की फसल काटने के लिए अपराधियों से सुरक्षा की मांग की थी. इस पर पुलिस प्रशासन ने फसल तैयारी करने में सुरक्षा देने का आश्वासन देकर कैदी वैन से पुलिस अभिरक्षा में हमलोगों को गांव भेज दिया था. वहीं लेकिन 22 मई की देर शाम हुई बारिश की वजह से खेतों में मिट्टी गिली होने के कारण गुरुवार को भी मकई की कटनी नहीं की गयी है. शुक्रवार को दो एकड़ में लगी मकई की फसल की कटनी की. तीन एकड़ में अभी फसल लगी ही है. इस दौरान कोई अपराधी खेतों तक झांकने नहीं आया. तिलकेश्वर पुलिस के गांव में लगातार गश्ती करने से फिलहाल अपराधियों की गतिविधि बंद है, लेकिन अपराधी कब गांव में धावा बोलकर मारपीट पर उतारू हो जायेंगे, इसका कोई ठिकाना नहीं है. इस संबंध में तिलकेश्वर थानाध्यक्ष शैलेश कुमार ने बताया कि बुढिया-सुकरासी गांव में पुलिस कैंप कर रही है. लोग रह रहे हैं अपना खेतीबारी भी कर रहे हैं. किसी भी तरह का कोई कठिनाई नहीं है प्रशाशन की पूरी नजर है.
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