तीसरी कक्षा के छात्र की तालाब में डूबने से मौत, हंगामा
मध्य विद्यालय हिरणी कन्या के तीसरे कक्षा के एक छात्र की मौत स्कूल के बगल स्थित तालाब में डूबने से हो गयी
By Prabhat Khabar News Desk |
March 29, 2024 12:05 PM
तालाब किनारे रखा था कपड़ा व स्कूल बैगनहाने के दौरान गहरे पानी में चले जाने के कारण डूब जाने की आशंका
परिजनों ने शिक्षकों पर लगाया लापरवाही का आरोप, जमकर किया हो-हंगामापीएचसी पर भी ग्रामीणों ने किया हो-हल्ला
कुशेश्वरस्थान .
मध्य विद्यालय हिरणी कन्या के तीसरे कक्षा के एक छात्र की मौत स्कूल के बगल स्थित तालाब में डूबने से हो गयी. मृतक हिरणी निवासी हरिओम झा का इकलौता 12 वर्षीय पुत्र त्रिपुरारी झा बताया गया है. बताया जाता है कि त्रिपुरारी प्रत्येक दिन की भांति गुरुवार को निर्धारित समय पर विद्यालय पहुंच गया था. कुछ ही देर के बाद वह बैग लेकर बाहर निकल गया. विद्यालय के बगल स्थित तालाब किनारे बैग व कपड़ा खोलकर रख दिया और तालाब में नहाने चला गया. कयास लगाया जा रहा है कि नहाने के दौरान गहरे पानी में चले जाने से वह डूब गया और उसकी मौत हो गयी. छात्र को डूबते किसी ने नहीं देखा. लगभग एक बजे उसके परिजन विद्यालय पहुंचे. उसकी खोज की तो पता नहीं चला. किसी अनहोनी की आशंका पर परिजन व शिक्षक बगल के पोखर किनारे गये तो उसका बैग व कपड़ा रखा देखा. नजर दौड़ाने पर तालाब में उसका शव उपलाता हुए दिखा. छलांग लगाकर उसे बाहर निकाल टेम्पो से पीएससी सतीघाट लाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. त्रिपुरारी की मौत की खबर मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया.इधर, शव मिलने के बाद ग्रामीणों ने विद्यालय में हो-हंगामा शुरू कर दिया. ग्रामीण शिक्षकों पर छात्रों के प्रति लापरवाही बरतने का आरोप लगा रहे थे. लोगों का कहना था कि बच्चे की विद्यालय में हाजिरी भी बनी है, बावजूद वह बाहर चला गया और इसकी भनक शिक्षकों को नहीं लगी. ग्रामीण बच्चे की मौत का आरोप स्कूल प्रबंधन पर लगा रहे थे. इधर छात्र को मृत घोषित करने पर ग्रामीणों ने पीएचसी पर भी हो-हंगामा किया. घटना की सूचना पर पहुंची पुलिस ने लोगों को समझा-बुझाकर शांत कराया.
एक झटके में बुझ गया घर का चिराग, उजड़ गयी गुड्डी देवी की दुनिया
कुशेश्वरस्थान.
मां गुड्डी देवी को क्या पता था कि एक ही झटके में उसके घर का चिराग बुझ जायेगा. जिस बेटे को सुबह अपने हाथों से नहला कर तैयार किया. नास्ता करा स्कूल भेजा, वह लौटकर घर नहीं आयेगा. वह सदा के लिए उसे छोड़कर इस दुनिया से चला जायेगा. मृतक की मां गुड्डी देवी छाती पीट-पीटकर दैबा हौ दैबा, आब केकर मुंह देखक जीबै हो बस इतना कह बेहोश हो जाती थी. होश आने पर पागलों की तरह चीत्कार कर उठती थी. ग्रामीण महिलाएं उसे संभालने में जुटी थी. इसे देख वहां मौजूद हर आंखें नम हो जाती थी. मृतक तीन बहनों में अकेला भाई था. अपने माता-पिता का इकलौता पुत्र था. परिजन शव का पोस्टमार्टम को नहीं राजी हुए. पंचायत समिति सदस्य प्रतिनिधि मधुकांत झा मिंटू, मुखिया श्रवण कामति ने पीड़ित परिवार को सांत्वना देते दु:ख व्यक्त किया. दु:ख की घड़ी में हिम्मत व धैर्य से काम लेने की बात कही.