मिथिला विश्वविद्यालय परिसर के सभी तालाबों केआपसी कनेक्शन को किया जायेगा पुनर्जीवित
सोमवार को कुलपति प्रो. संजय कुमार चौधरी के साथ तालाब बचाओ अभियान सदस्यों की बैठक हुई.
दरभंगा. तालाब बचाओ अभियान वनाम बिहार सरकार एवं अन्य मामले में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के लनामिवि के यूरोपियन गेस्ट हाउस के सामने के तालाब से सभी ईंट हटाने, तालाब के किनारे सतह पर घास लगाने एवं तालाब के भिंडा पर इको पार्क बनाने का 23 फरवरी 2022 के आदेश का अक्षरशः पालन को लेकर सोमवार को कुलपति प्रो. संजय कुमार चौधरी के साथ तालाब बचाओ अभियान सदस्यों की बैठक हुई. इसमें तालाब बचाओ अभियान के डॉ विद्यानाथ झा, इंदिरा कुमारी, तसीम नवाब, डॉ अशोक कुमार सिंह, नारायण जी चौधरी एवं विवि की ओर से कुलसचिव डॉ अजय कुमार पंडित, कुलानुशासक प्रो. अजय नाथ झा, भू-संपदा पदाधिकारी डॉ कामेश्वर पासवान, डीडीई निदेशक प्रो. हरे कृष्ण सिंह, केशव कुमार, मो. इकबाल शामिल हुए. बैठक में नारायण जी चौधरी ने विश्वविद्यालय परिसर के बोटेनिकल, जूलोजिकल, तालाब एवं तालाब के जलीय पारिस्थितिकी तंत्र पर जानकारी साझा की. कुलपति ने विश्वविद्यालय अभियंता एवं स्टेट ऑफिसर को आदेश दिया कि सभी तालाबों के इनलेट और आउटलेट एवं आपसी कनेक्शन को पुनर्जीवित किया जाय. तालाब एवं परिसर के वनस्पति संसाधनों की रक्षा के लिए एक पर्यावरण समिति का गठन हो, जिसमें तालाब बचाओ अभियान के विशेषज्ञ को भी रखा जाय. तालाब बचाओ अभियान ने विश्वविद्यालय के कुछ दुर्लभ पौधे कुलपति को भेंट किया. इसमें ऑस्ट्रेलियन महोगनी, पारस पीपल, आठ शाखा वाला ताड़ एवं सीता अशोक का पौधा शामिल है. नारायण जी चौधरी ने कहा कि जो पौधे कुलपति को भेट किये गये हैं, वे महाराजा लक्ष्मीश्वर सिंह के समय चार्ल्स मेरी (1882-90) ने यहां लगाये थे. मीटिंग के बाद तालाब बचाओ अभियान के सदस्यों ने कुलपति के साथ तालाब में चल रहे कार्य की प्रगति का निरीक्षण किया. कार्य पर संतोष व्यक्त किया गया. डॉ विद्यानाथ झा ने कतरा घास के महत्व को समझाते हुए उसे तालाब के कछार मेंं लगाने का सुझाव दिया.
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