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मत्स्य कृष्कों को बताये झींगा पालन के गुर

झींगा पालन विषय पर शुक्रवार को 28 मत्स्य कृषक को प्रशिक्षण दिया गया

जाले.ब्रह्मपुर पश्चिमी पंचायत के गौतम-कुंड में शुक्रवार को कम्पोजिट फिश कल्चर तकनीकी की ओर से झींगा पालन विषय पर शुक्रवार को 28 मत्स्य कृषक को प्रशिक्षण दिया गया. इसमें कृषि विज्ञान केंद्र के मत्स्य वैज्ञानिक डॉ पवन कुमार शर्मा ने भारतीय वृहद कार्प मछलियों के साथ झींगा मछली का पालन करने की जानकारी दी. कहा कि बाजार में अत्यधिक मांग वाले झींगा के लिए तालाब में ताजा पानी चाहिए, जिसका खरापन लगभग शून्य हो. एक हजार रुपये प्रति किलो से अधिक कीमत वाले झींगा का पालन से किसानों की आय बढ़ेगा. उन्होंने कहा कि झींगा के 30 दिनों से अधिक समय का पोस्ट लार्वा को रोहू, कतला, मृगांल, कॉमन कार्प व ग्रासा कार्प जैसी मछलियों के साथ संचित किया जा सकता है. झींगा पालन में पानी की गुणवत्ता की जांच आवश्यक है. इसमें पीएच मान, टीडीएस, ऑक्सीजन स्तर, पारगम्यता आदि कारकों का परीक्षण कर उपयुक्त उपचार भी जरुरी है. ऑक्सीजन का स्तर सुधारने के लिए ऐरेटर का प्रयोग करना चाहिए तथा झींगा को भोजन के रुप में फीड ट्रेज का इस्तेमाल करना लाभदायक होता है. डॉ शर्मा ने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की जानकारी भी दी. कहा कि झींगा मछली की हैचेरी स्थापित करने के लिए इस योजना में 50 लाख रुपये तक का प्रस्ताव भेजा जा सकता है. इसमें अनुसूचित जाति, जनजाति एवं महिला वर्ग को 60 प्रतिशत तक का अनुदान का प्रावधान है. प्रशिक्षण में अमन कुमार, राघवेंद्र ठाकुर सहित 28 प्रशिक्षु मौजूद थे.

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