मर्यादापुरुषोत्तम के प्राकट्योत्सव पर राममय हो गयी देवी अहल्या की नगरी
श्रद्धालुओं से पटी अहल्या नगरी का नजारा बिल्कुल बदला हुआ था.
By Prabhat Khabar News Desk |
April 18, 2024 12:12 AM
कमतौल (दरभंगा). श्रद्धालुओं से पटी अहल्या नगरी का नजारा बिल्कुल बदला हुआ था. मंदिर परिसर से लेकर सड़कों तक जय श्रीराम का जयघोष लगाये जा रहे थे. मंदिरों में अनुष्ठानों की धूम रही. अवसर था वासंती नवरात्र के बीच बुधवार को अहल्यास्थान में लगने वाले रामनवमी मेला और मंदिरों में प्रभु श्रीराम के प्राकट्योत्सव का. अहले सुबह से ही देवी अहल्या की नगरी श्रद्धालुओं से खचाखच भर गयी. भक्तों के पग बिना रुके अपने आराध्य की चौखट पर पहुंचने के लिए तेजी से बढ़ रहे थे. प्रचंड धूप श्रद्धालुओं के धैर्य की परीक्षा लेती रही, परंतु आस्था के आगे समस्त दुश्वारियां बौनी साबित होती नजर आयी. अहल्या नगरी में बुधवार को श्रीराम जन्मोत्सव आस्था का शिखर निरूपित करने वाला रहा. पूरी अहल्या नगरी राममय नजर आ रही थी. जिधर देखो उधर श्रद्धालु ही श्रद्धालु दिख रहे थे. प्राकट्योत्सव का मुख्य उत्सव रामजानकी मन्दिर, सिया पिया निवास में रहा. इसके अतिरिक्त गौतमाश्रम सहित अन्य मंदिरों में एक साथ प्राकट्योत्सव की आरती हुई. भए प्रगट कृपाला दीन दयाला और जनम लिए रघुराई अवध में बाजे बधाई जैसे भजनों से अहल्या नगरी गूंजता रहा. मंदिरों में विराजमान राम लला का दोपहर में प्रतीकात्मक रूप से जन्म हुआ, तो शंख, घंटियां और जय श्रीराम के जयघोष के साथ पूरा परिसर राममय हो गया. मुख्य पुजारी दुखमोचन ठाकुर ने बताया कि अहल्यास्थान ही नहीं कण-कण में प्रभु राम का वास है. यही वजह है कि अहल्यास्थान और गौतमाश्रम में भगवान राम के जन्मोत्सव के मौके पर हजारों श्रद्धालु मंदिरों में दर्शन-पूजन कर धन्य हुए हैं. भगवान के जन्म के बधाइ गाये हैं. आचार्य रविशंकर ने बताया कि चैत रामनवमी के दिन भगवान राम का जन्म हुआ, उसी परंपरा को धार्मिक स्थलों सहित राम मंदिरों में निभाया जा रहा है. अहल्यास्थान के रामजानकी मंदिर, सिया पिया निवास और गौतमाश्रम सहित पूरा वातावरण राममय हो गया है.
मिली आत्मिक संतुष्टि :
मंदिर में पीले रंग के पोशाक में रामलला अद्भुत दृश्य उपस्थापित कर रहे हैं. भक्त लंबी कतारों में अपने आराध्य के दर्शन के लिए व्याकुल थे. दर्शन कर वापस आए श्रद्धालुओं ने बताया कि जिस प्रकार त्रेता युग में दशरथजी के हृदय में आनंद छाया था, उसी प्रकार हर श्रद्धालुओं के मन में आनंद हिलोरें ले रहा है. जैसे उन्हें साक्षात प्रभु राम का दर्शन हुआ हो. दर्शन-पूजन कर असीम संतुष्टि मिली है.
श्रद्धालुओं ने अर्पित किया बैगन का भार:
अहल्यास्थान रामनवमी मेला में बुधवार को अहले सुबह से देर शाम तक हजारों श्रद्धालु पहुंचे. अधिकांश श्रद्धालुओं ने अहिला से मुक्ति के लिए मंदिरों में बैगन का भार चढ़ाया. कई श्रद्धालुओं ने मन्दिर परिसर में बच्चों का मुंडन भी कराया और बजरंगबली का ध्वजारोहण कर परिजनों के दीर्घायु व सुख-समृद्धि की कामना की.
भक्तों की सेवा में जुटा रहा कांवरिया संघ :
चिलचिलाती धूप और उमस भरी गर्मी से राहत पाने के लिए कई श्रद्धालु पानी की तलाश में इधर-उधर भटकते नजर आए. वहीं, दुर्गा मंदिर परिसर में अहल्या-गौतम कांवरिया संघ के सदस्य श्रद्धालुओं को शीतल जल, नींबू पानी और शरबत निःशुल्क उपलब्ध कराते नजर आए.
ड्रोन से भी मेले की निगरानी :
मेला में सुरक्षा व्यवस्था के लिए जगह-जगह पुलिस बल की तैनाती थी. ड्रोन और सीसीटीवी कैमरे से भी निगरानी की जा रही थी. कंट्रोल रूम से पुलिस निरीक्षक सह थानाध्यक्ष पंकज कुमार मेला की मॉनिटरिंग कर रहे थे. न्यास समिति के अध्यक्ष बालेश्वर ठाकुर, सचिव हेमंत कुमार झा, मुख्य पार्षद सह कोषाध्यक्ष रंजीत कुमार प्रसाद, उपाध्यक्ष विमल कुमार यादव, सदस्य उमेश ठाकुर, देवकुमार ठाकुर आदि मेला में भ्रमण करते नजर आए. मेले में आए कई दुकानदारों ने बताया कि हर वर्ष मेले में अच्छी कमाई होती रही है. लेकिन इस बार भीड़ में कमी की वजह से घाटा लगना तय है. मेला में आकर्षण का केंद्र मौत का कुआं और करीब 50 फ़ीट ऊंचे पवन झूला को प्रशासन द्वारा चलाने की अनुमति नहीं मिली. इससे श्रद्धालु निराश नजर आए. हालांकि मेला को लेकर अहल्यास्थान स्थित एपीएचसी खुला नजर आया.