Darbhanga News: मीठी नींद का ले रहे थे आनंद कि डोल उठी धरती

Darbhanga News:मोटी रजाई में गरमाये बदन को समेटे मीठी नींद का अतृप्त आनंद लेकर अभी लोग अलसाए पड़े ही हुए थे कि अचानक धरती डोल उठी.

By Prabhat Khabar News Desk | January 7, 2025 10:59 PM

Darbhanga News: दरभंगा. बाहर का मौसम बर्फीला था. सांय-सांय पछुआ चल रही थी. मोटी रजाई में गरमाये बदन को समेटे मीठी नींद का अतृप्त आनंद लेकर अभी लोग अलसाए पड़े ही हुए थे कि अचानक धरती डोल उठी. ऐसा महसूस हुआ, पूरी धरती पूरब से पश्चिम की ओर हिचकोले खाने लगी हो. एक पल तो कुछ समझ में नहीं आया, लेकिन जैसे ही दूसरा झटका लगा, तन-बदन में सनसनी सी दौड़ पड़ी. भूकंप आने का एहसास होते ही लोग चीख पड़े. नींद की आगोश में डूबे अपने स्वजनों को भूकंप आने की खबर देते हुए बदहवास बाहर की ओर दौड़ पड़े. हालांकि चंद पल में ही सब कुछ सामान्य हो गया, लेकिन डोलते घर की छत में लटकते पंखे अन्य सामान इसका असर जाता रहे थे. उस समय सुबह के 6.37 बजे थे. घरों से बाहर निकले लोग एक-दूसरे को भूकंप के एहसास बयां करने लगे. इसके साथ ही पूर्व के वर्षों में आ चुके भूकंप के चर्चे शुरू हो गए. उल्लेखनीय है कि दरभंगा जिला भूकंप के नजरिए से हाइ रिस्क जोन में आता है. पहले कई बार यहां की धरती डोल चुकी है. 1934 के सबसे भीषण भूकंप की स्थिति बयां करने वाले प्रायः अब तो कोई नहीं रहे, लेकिन उसकी विभीषिका के प्रमाण आज भी वर्तमान पीढ़ी के सामने है. वर्तमान पीढ़ी के लोग 1988 के उसे सुबह को अभी भी नहीं भूल सके हैं, जिसने कई लोगों के जीवन का सूर्य अस्त कर दिया था. इसके बाद 2003-04 में शाम के वक्त आये भूकंप के तेज झटकों की याद मंगलवार को फिर से ताजा हो गई. 2015 में तीव्र गति के भूकंप के साथ कई दिनों तक लगातार इसकी पुनरावृत्ति का स्मरण मानस पटल पर फिर से दौड़ पड़ा. लोग मंगलवार की सुबह लगे भूकंप के झटकों के बाद फिर से बार-बार धरती के डोलने की आशंका से भर उठे, लेकिन देर रात तक उनकी आशंका निर्मूल साबित हुई. कहीं से किसी तरह की अप्रिय घटना की सूचना नहीं होना राहत भरा रहा.

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