Darbhanga News: दरभंगा. शहर के ऐतिहासिक तीन प्रमुख पोखर हराही, दिग्घी एवं गंगासागर की सेहत बेहद खराब हो गयी है. जिला प्रशासन समस्या को दूर करने में नाकाम साबित हो रहा. विगत कई दिनों से नगर निगम के दर्जनों मजदूर दिनभर हराही पोखर से गाद निकाल रहे हैं. स्थिति में कोई सुधार नहीं देख तीन दिन से दो सुपर शॉकर मशीन का उपयोग गाद निकालने में किया जा रहा है. बावजूद में स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं है. जितना निकाला जाता है, अगले कुछ घंटे में उससे अधिक गाद सतह पर निकल आता है. गाद को किनारे पहुंचने से पहले रोकने के लिये लगाए गये बांस के बैरिकेडिंग को हटा लिया गया है. नगर आयुक्त राकेश कुमार गुप्ता ने पानी को उलट-पलट कर आक्सीजन लेवल बढाकर गाद कम करने को लेकर दो स्टीमर तथा पंपिग सेट चलाने का निर्देश मंगलवार को अभियंताओं को दिया है. नगर आयुक्त, डिप्टी मेयर नाजिया हसन आदि ने हराही तालाब का मुआयना किया. व्रतियों व श्रद्धालुओं की सुविधा के लिये हर मुमकिन प्रयास किये जाने की बात कही. डिप्टी मेयर ने मिठ्ठू मिस्त्री पोखर, बागमती नदी के प्रधान घाट समेत अन्य घाटों का मुआयना कर जोन प्रभारी व जमादारों को जरूरी निर्देश दिये.
दिग्घी एवं गंगासागर में मरी मछलियों के बीच होगी पूजा
दिग्घी एवं गंगासागर पोखर में मरी मछलियां पटी पड़ी है. मछलियों को निकालने का दो दिनों से उपक्रम किया जा रहा है. निकाल कर किनारे पर फेंकी गयी मछलियों से निकलने वाले दुर्गंध से स्थानीय लोगों का सांस लेना मुश्किल हो रहा है. इस स्थिति के बीच ही लोग दोनों पोखर के किनारे घाट बनाने में जुटे हैं.छठ के बाद बनायेंगे कार्य योजना- नगर आयुक्त
नगर आयुक्त ने बताया कि हराही के लिए कार्य योजना बनायी गयी थी. 25 दिनों से साफ-सफाई का काम चल रहा है. पानी में आक्सीजन लेवल बढाने के लिए स्टीमर चलाने व पांच-छह पंपिंग सेट लगाने का आदेश दिया गया है. कहा कि छठ के बाद कार्ययोजना बनायी जायेगी. तालाब में कचरा फेंकने वाले के विरुद्ध अर्थ दंड लगाया जायेगा. डिप्टी मेयर नाजिया हसन ने कहा कि स्थानीय लोगों के असहयोग की सजा हराही पोखर भुगत रही है. निरीक्षण के दौरान उपनगर आयुक्त मो. फिरोज, नगर प्रबंधक रवि अमरनाथ, लोक स्वच्छता पदाधिकारी शांति रमण, पार्षद मुकेश महासेठ, एइ सउद आलम, जेइ उदयनाथ झा, जोन प्रभारी गौतम राम, जमादार संतोष राम आदि मौजूद थे.बीमारी की जड़ पर प्रहार करने में अभिरुचि नहीं
जानकारों के अनुसार हराही पोखर की बीमारी की जड़ को काटने में न तो जनप्रतिनिधियों को अभिरुचि है और न जिला एवं नगर निगम प्रशासन की. तालाब में भारी मात्रा में खाद (भोज्य सामग्री, मल-मूत्र आदि) जमा होने से यह स्थिति बनी हुई है. पोखर से पूरी तरह पानी निकाल दिये जाने से खाद के आवक का पता चलेगा. खाद के आवक पर पूरी तरह से राेक के बाद ही पोखर की दशा में सुधार संभव है.स्वास्थ्य संबंधी कई समस्या के शिकार हो सकते हैं व्रती- प्रो. मिश्रादरभंगा. हराही, दिग्घी, गंगासागर तालाब सहित शहर के अन्य कुछ तालाबों के पानी में हरा रंग और तीखी गंध इस बात का संकेत है कि उसमें प्रदूषण है. इस तरह के पानी में स्नान करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. लनामिवि के विज्ञान संकायाध्यक्ष सह पीजी रसायन विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रो. प्रेम मोहन मिश्रा ने कहा है कि छठ व्रत करने वाली महिलाएं अगर दूषित पानी में एक घंटे तक खड़ी रहेंगी, तो उन्हें स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याएं हो सकती है. त्वचा संक्रमित हो सकता है. दूषित पानी में बैक्टीरिया, फंगस और अन्य हानिकारक सूक्ष्म जीव होते हैं, जो त्वचा संक्रमण का कारण बन सकते हैं. फंगल इंफेक्शन और त्वचा पर खुजली, जलन या दाने जैसी समस्याएं हो सकती है. पानी में मौजूद हानिकारक रसायनों और सूक्ष्म जीवों के संपर्क से सांस लेने में तकलीफ हो सकती हैं. विशेषकर एलर्जी या अस्थमा से पीड़ित को. दूषित पानी आंखों में जलन पैदा कर सकता है.
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