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Darbhanga News: डीएमसीएच में परिजनों के लिए पेड़ की छांव बना आश्रय स्थल

Darbhanga News:उत्तर बिहार के प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान डीएमसीएच में मरीजों की चिकित्सा कराने पहुंचने वाले परिजनों के ठहराव की कोई व्यवस्था नहीं है. इस कारण भीषण गर्मी में परिजनों को आश्रय के लिए इधर- उधर भटकना पड़ता है.

Darbhanga News: दरभंगा. उत्तर बिहार के प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान डीएमसीएच में मरीजों की चिकित्सा कराने पहुंचने वाले परिजनों के ठहराव की कोई व्यवस्था नहीं है. इस कारण भीषण गर्मी में परिजनों को आश्रय के लिए इधर- उधर भटकना पड़ता है. खासकर दूर- दराज से पहुंचे लोगों को काफी परेशानी होती है. सामानों के साथ पहुंचे परिजन थोड़ी सी जगह तलाशने के लिए जद्दोजहद करते रहते हैं. इस स्थिति में आपातकालीन विभाग के परिसर में लगा पेड़ ही एक मात्र सहारा बनता है. परिजन भीषण गर्मी में इस पेड की छांव में जैसे- तैसे वक्त बिताने को मजबूर हैं. सूर्य की तपिश में वहां कुछ पल बिताकर वे राहत महसूस करते हैं.

रोजाना लोगों का परिसर में लगता मेला

विदित हो कि ओपीडी व आपातकालीन विभाग में रोजाना सैंकड़ों मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं. परिसर में लोगों का मेला सा लगता है. खासकर ओपीडी के समय वहां पैर रखने की जगह भी नहीं रहती है. इधर, भीड़ के मद्देनजर अस्पताल प्रशासन की ओर से ओपीडी भवन में करीब एक दर्जन कुर्सी लगायी गयी है, जो नाकाफी साबित हो रही है. जानकारी के अनुसार पिछले माह 51236 मरीजों का इलाज हुआ. विदित हो कि कोलकाता में आरजी कर मेडिकल कॉलेज में महिला चिकित्सक से दरिंदगी को लेकर स्थानीय स्तर पर जूनियर डॉक्टर की ओर से चिकित्सा व्यवस्था ठप कर दी गयी थी. इस दौरान कई दिनों तक मरीजों का उपचार प्रभावित रहा. इस कारण अपेक्षाकृत कम संख्या में मरीजों का उपचार हो सका. बताया जाता है कि प्रत्येक माह डेढ़ लाख से अधिक परिजन डीएमसीएच पहुंचते हैं.

सर्जरी बिल्डिंग में शिफ्ट होना है यह विभाग

जानकारी के अनुसार ओपीडी व आपातकालीन विभाग को न्यू सर्जरी बिल्डिंग में शिफ्ट होना है. कर्मियों के अनुसार वहां स्थानांतरित होने पर समस्या कम हो जायेगी. लेकिन, अब तक भवन का काम पूरा नहीं हो सका है. इस कारण यह स्थिति बनी हुई है. पिछले वर्ष 27 नवंबर 2023 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने न्यू सर्जरी व एमसीएच बिल्डिंग का उद्घाटन किया था. 10 माह बाद भी भवन का निर्माण कार्य पूरा नहीं किया गया है. इस कारण आपातकालीन, ब्लड बैंक, ओटी आदि को नहीं शिफ्ट नहीं किया जा रहा है.

पिछले माह अगस्त में चिकित्सकीय परामर्श के लिए पहुंचे मरीजों की संख्या

ओपीडी- 39444

कैंसर- 81शिशु रोग- 1716सुपरस्पेशलिटी- 671

एमसीएच- 2431गायनिक- 1594

आपातकालीन- 5299

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