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Darbhanga News : दरभंगा आकाशवाणी के वजूद पर लटकी तलवार, रिले स्टेशन बनाने की तैयारी में विभाग

आकाशवाणी के दरभंगा केंद्र के वजूद पर तलवार लटक गया है. विभाग इस केंद्र को रिले केंद्र बनाने की तैयारी में हैं.

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दरभंगा. आकाशवाणी के दरभंगा केंद्र के वजूद पर तलवार लटक गया है. विभाग इस केंद्र को रिले केंद्र बनाने की तैयारी में हैं. ऐसा होने पर इस केंद्र से प्रसारित होनेवाले कार्यक्रमों की अवधि सिकुड़ जायेगी. सांस्कृतिक व साहित्यिक दृष्टि से संवेदनशील इस इलाके के लोगों में इस खबर से भारी रोष है. सांसद गोपालजी ठाकुर भी इस केंद्र के अस्तित्व उपजे संकट को लेकर मुखर हो गये हैं. उन्होंने बुधवार को दरभंगा आकाशवाणी केंद्र को यथावत रखने एवं मैथिली भाषा का केंद्र इसे घोषित कर इसके अस्तित्व को बनाए रखने के लिए केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव से भेंट की. अपनी बातें रखी. इस संदर्भ में एक ज्ञापन भी सौंपा. सांसद ठाकुर ने मंत्री को इस आकाशवाणी केंद्र की महत्ता बताते हुए कहा कि मिथिला की साढ़े आठ करोड़ मैथिली भाषियों की आत्मा आकाशवाणी केंद्र दरभंंगा में बसती है. यह केंद्र वर्ष 1976 से अब तक मैथिली भाषा के विकास, मिथिला की संस्कृति के संरक्षण, मैथिली गीत-संगीत का संवर्धन करती आ रही है. कुछ दिन पूर्व आकाशवाणी केंद्र दरभंगा की प्रशासनिक व्यवस्था आकाशवाणी केंद्र पटना के अधीन कर दी गई जो खेदजनक है. सांसद ठाकुर ने मंत्री को बताया कि प्रसार भारती आगामी माह से आकाशवाणी दरभंंगा केंद्र को मात्र रिले केंद्र बनाने जा रही है. इसके फलस्वरूप यहां से अब कार्यक्रमों का प्रोडक्शन नहीं के बराबर होगा जो मैथिली भाषियों की भावना को आहत करेगा. केंद्र की भौगोलिक महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आकाशवाणी दरभंंगा केंद्र के प्रसारण क्षेत्र के अंतर्गत दरभंंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, सहरसा, सुपौल, मधेपुरा, सीतामढ़ी, शिवहर और बेगूसराय जिला है. मैथिली भाषा भारतीय संविधान की अष्टम अनुसूची में सम्मिलित एक संवैधानिक भाषा है इसके साथ ही मैथिली भाषा भारतीय लोक सेवा आयोग एवं विभिन्न राज्यों के लोकसेवा आयोग की परीक्षा के सिलेबस में शामिल है. विगत दिनों संविधान दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने भारतीय संविधान को भगवती सीता की भाषा मैथिली में अनूदित कर इसका विमोचन किया है. इसीलिए इस केंद्र को यथावत बनाए रखना ही श्रेयष्कर होगा.

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