Darbhanga News: कहीं 75 फीसदी हो गया काम, तो कहीं शुरू भी नहीं हुआ नदी घाटों की सफाई का कार्य
Darbhanga News:लोक आस्था का महापर्व छठ के चंद दिन शेष रह गये हैं. श्रद्धालु सूर्योपासना की तैयारी में जोर-शोर से जुटे हुए हैं. साफ-सुथरे घाट उपलब्ध कराने के लिए निगम प्रशासन भी प्रयत्नशील है.
Darbhanga News: दरभंगा. लोक आस्था का महापर्व छठ के चंद दिन शेष रह गये हैं. श्रद्धालु सूर्योपासना की तैयारी में जोर-शोर से जुटे हुए हैं. साफ-सुथरे घाट उपलब्ध कराने के लिए निगम प्रशासन भी प्रयत्नशील है. लगातार मुआयना कर पदाधिकारी निर्देश दे रहे हैं, लेकिन तालाबों की अपेक्षा नदी घाटों की स्थिति अधिक दयनीय दिख रही है. कहीं 75 फीसदी काम हो चुका है, तो कहीं सफाई का कार्य अब तक शुरु भी नहीं किया ज सका है. बागमती नदी के पश्चिमी भाग में वार्ड आठ व नौ में अधिकांश घाटों का पक्कीकरण कर दिया गया है. उन घाटों की सिढ़ियों पर जंगली लत्ती, पत्थरों के टुकड़े, मिट्टी, कचरा जस की तस पड़े हैं. पूर्वी व पश्चिमी भाग में कच्चे घाटों की स्थिति कमोवेश एक जैसी है. अभी भी अर्घ रखे जाने वाले कई घाट पानी में डूबे हुए हैं. जिस घाट से पानी उतरा भी है, वहां की स्थिति बदतर है. घाट दलदली है. घाट को दुरुस्त करना मुमकिन नहीं लग रहा है. व्रती व परिजनों का पहुंचना मुश्किल दिख रहा है. खासकर महिला श्रद्धालुओं के लिये परेशानी वाली स्थिति है. मौसम के तेवर भी धीरे-धीरे नरम पड़ते जा रहे हैं. मध्यम होती धूप से कच्चे घाटों का सूख पाना मुश्किल नजर आ रहा है. हालांकि नौ दिन छठ का शेष है. इस बीच घाटों से पानी उतरने व जमीन के रुखा हो जाने पर ही नदी तट पर श्रद्धालु छठ मना सकेंगे. ऐसी स्थिति में श्रद्धालुओं को कृत्रिम घाट पर छठ पूजा करना पड़ सकता है. पंचानाथ, फतेश्वरनाथ घाट पर 75 फीसदी सफाई का काम हो गया है. घाट छीलने का काम शेष है. कबराघाट का 80 फीसदी काम कच्चा रहने के कारण अभी भी शेष है. हजारीनाथ, प्रधानघाट, रानी सती मंदिर, कंडैल घाट के पक्के घाटों की सफाई का काम 75 फीसदी हो गया है. साहूजी पोखर, शिक्षक कॉलोनी व राधा रानी मंदिर के नदी घाट का 75 फीसदी काम पूरा होने के दावे किये जा रहे हैं. किलाघाट के उत्तर दिशा में पुल से सटे पश्चिम भाग के कच्चे घाट की स्थिति ठीक नजर आ रही है, लेकिन दक्षिण में घाट दलदली बना हुआ है. वार्ड सात, आठ, नौ, 10, 23 आदि के बागमती कच्चे घाटों की स्थिति बदतर है. छट्ठी पोखर के पश्चिमी भाग में करीब दो सौ मीटर कच्चा घाट रहने से श्रद्धालुओं को समस्या होने से इंकार नहीं किया जा सकता है.
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