Darbhanga News: मिथिला विश्वविद्यालय के शिक्षाकर्मियों को अगले वित्तीय वर्ष में वेतन-पेंशन मिलने में हो सकता विलंब
Darbhanga News:लनामिवि के शिक्षाकर्मियों को वित्तीय वर्ष 2025-26 में वेतन व पेशंन भुगतान में विलंब होने की संभावना बढ़ती जा रही है.
Darbhanga News: दरभंगा. लनामिवि के शिक्षाकर्मियों को वित्तीय वर्ष 2025-26 में वेतन व पेशंन भुगतान में विलंब होने की संभावना बढ़ती जा रही है. दिसंबर माह लगभग बीत चुका है. अभी तक अगले वित्तीय वर्ष के बजट का औपबंधिक खाका भी तैयार नहीं हो सका है. विवि ने एक दिन पहले सभी इकाइयों के प्रधान को पीवीसी के अनुसार समेकित बजट बना कर भेजने के लिए पत्र जारी किया है. इस स्थिति में बजट बनाने में कितना समय लगेगा, इसका अनुमान सहज ही लगाया जा सकता है. बजट किस मानक पर तैयार करना है, इसकी स्वीकृति भी वित्त समिति से अब तक नहीं मिल सकी है. बजट निर्माण एवं स्वीकृति के लिए वित्त समिति, सिंडिकेट तथा सीनेट की बैठक कब होगी, इसकी जानकारी अभी तक विवि ने सार्वजनिक नहीं की है.
15 फरवरी से पहले सीनेट की बैठक करना नहीं होगा आसान
दो वर्षों से शिक्षक एवं गैर शिक्षक कोटि से सिंडिकेट, वित्त समिति, एकेडमिक काउंसिल, अंकेक्षण समिति सहित अन्य परिनियमित समिति के सदस्यों का चुनाव लंबित है. विवि अगर आगामी सीनेट की बैठक में इन परिनियमित समिति के सदस्यों के चुनाव का निर्णय लेती है, तो बजट बन जाने के बावजूद सीनेट की बैठक में और अधिक समय लगना तय है. वैसे विवि की जो वर्तमान स्थिति है, उसमें 15 फरवरी से पहले सीनेट की बैठक आसान नहीं लग रहा. सीनेट के अध्यक्ष कुलाधिपति होते हैं. बैठक की तिथि कुलाधिपति की अनुमति से तय होती है. अनुमति मिलने के बाद आयोजन से 45 दिन पहले इसकी अधिसूचना जारी करने का प्रावधान है. ऐसे में विवि चाहे भी तो इससे पहले सीनेट की बैठक नहीं कर सकता.जितना विलंब से जायेगा बजट, पैसा आवंटित होने में होगा उतना लेट
जब तक सीनेट से बजट स्वीकृत कर राज्य सरकार को नहीं भेजा जाएगा, तब तक शिक्षाकर्मियों के अगले वित्तीय वर्ष के वेतन, पेंशन सहित अन्य मदों में राशि निर्गत नहीं की जा सकती. सीनेट से स्वीकृत कराकर राज्य सरकार को बजट भेजने में जितना विलंब होगा, अगले वित्तीय वर्ष में शिक्षाकर्मियों का वेतन- पेंशन भुगतान उतना अधिक विलंब से होगा.यह है बजट स्वीकृति की प्रक्रिया
जानकारों का कहना है कि प्रावधान के अनुसार किस मानक पर बजट बनाना है, इसकी अनुमति वित्त समिति से दिशा निर्देश के साथ मिलती है. इसके बाद मानक जांच के लिए तैयार किये गये बजट को वित्त समिति में रखा जाता है. आवश्यकतानुसार संशोधन प्रस्ताव के साथ वित्त समिति उसे सिंडिकेट में भेजने की अनुशंसा करती है या फिर से अगली बैठक में उसे रखने का सुझाव देती है. सिंडिकेट के सदस्य वित्त समिति के सुझाव तथा राज्य सरकार के गाइड लाइन पर बजट को परखता है. जांच कर आवश्यक संशोधन के साथ सीनेट के लिए अनुमोदित करता है. इसके बाद सीनेट में बजट को स्वीकृत कर राज्य सरकार को भेजा जाता है. कुलसचिव डॉ अजय कुमार पंडित ने बताया कि जल्द से जल्द सरकार को बजट भेजने का प्रयास किया जा रहा है. बजट निर्माण का कार्य चल रहा है. राज्य सरकार के निर्देश के आलोक में बजट तैयार कर उपलब्ध कराने के लिए अधीनस्थ इकाइयों के प्रधान को पत्र भेजा गया है. सीनेट की बैठक जनवरी माह के अंतिम सप्ताह में आयोजित करने को लेकर प्रस्तावित तिथि अनुमति के लिए राजभवन भेजी गयी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है