जनजीवन की परीक्षा ले रही प्रकृति, उमसभरी भीषण गर्मी से जीना हुआ मुहाल

इस बार मौसम लोगों की परीक्षा लेने पर तुला है. एक बार फिर तापमान ने उड़ान भरना शुरू कर दिया है.

By Prabhat Khabar News Desk | June 9, 2024 10:59 PM

दरभंगा. इस बार मौसम लोगों की परीक्षा लेने पर तुला है. एक बार फिर तापमान ने उड़ान भरना शुरू कर दिया है. पिछले छह दिनों में करीब 10 डिग्री ऊपर तापमान का पारा चढ़ गया है. रविवार को इस सीजन की सबसे भीषण गरमी का सामना जिलावासियों को करना पड़ा. सुबह छह बजे से ही बदन से पसीना उबलता रहा. यह सिलसिला रात तक अनवरत जारी रहा. कहीं भी सुकून नहीं मिल रहा था. मौसम के इस तल्ख तेवर के आगे पंखा, कूलर तक फेल हो गये हैं. आलम यह है कि कूलर के सामने बैठने पर बदन के सामने का हिस्सा तो राहत में रहता है, लेकिन हवा के विपरीत भाग से पसीना बहता रहता है. रविवार की सुबह जब कोयल ने अपनी कुक से लोगों को सुबह होने की जानकारी दी, लोक घर से बाहर निकले तो आसमान में हल्की बदरी देख सुकून भरा दिन गुजरने की आशा से प्रफुल्लित हो उठे. सूर्योदय के बाद जैसे-जैसे दिन चढ़ा, अनुमान के विपरीत धूप तीखी नहीं हुई, लेकिन इस मद्धम धूप में भी उमस ने जीना मुहाल कर दिया. उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों हुई बरसात के बाद तापमान का पारा नीचे उतरा तो राहत महसूस हुई. लगभग पांच दिनों तक तापमान का पारा सामान्य से नीचे ही रहा, लेकिन पिछले चार दिनों से अचानक इसने फिर से ऊपर चढ़ना शुरू कर दिया है. शनिवार को जहां तापमान का पारा 40 डिग्री दर्ज किया गया था, वहीं यह रविवार को 42 डिग्री तक पहुंच गया. यह सामान्य से लगभग पांच डिग्री अधिक रहा. केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के मौसम विज्ञान विभाग की ओर से जारी सूचना के मुताबिक नौ जून को सामान्य अधिकतम तापमान 37 डिग्री से नीचे रहना चाहिए, जबकि यह 42 डिग्री से अधिक दर्ज किया गया. यह तब, जबकि धूप ने आज रौॅद्र रूप धारण नहीं किया था. मौसम के इस बेरूखेपन का असर आम से लेकर खास सभी पर पड़ रहा है. दिनभर पसीने से लथपथ लोग इससे राहत के लिए जहां छटपटाते रहे, वहीं बाजार पर भी इसका व्यापक असर नजर आया. हालांकि अवकाश का दिन होने के कारण बाजार के अलावा चौक-चौराहों पर सामान्य दिनों की अपेक्षा कम भीड़ रही, लेकिन अन्य सामान्य दिनों की तुलना में यह नगण्य नजर आयी. सड़क किनारे ठेला सजाकर कारोबार करने वाले पूरे दिन बैठे रहे. सड़कें सूनी पड़ी रही. शाम ढलने के बाद लोग घर से निकले, परंतु उनकी संख्या भी अन्य दिनों की तुलना में कम ही दिखी. लोग अब शिद्दत से मानसून के आगमन की राह देख रहे हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version