Darbhanga News: शत-प्रतिशत नामांकन करा संस्कृत विवि ने रचा इतिहास

Darbhanga News:कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के शिक्षाशास्त्र विभाग ने बीएड के शैक्षणिक सत्र 2024-24 में निर्धारित 100 सीटों पर शत-प्रतिशत नामांकन करा कर लगभग एक दशक बाद फिर से इतिहास रचा है.

By Prabhat Khabar News Desk | October 27, 2024 11:20 PM

Darbhanga News: दरभंगा. कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के शिक्षाशास्त्र विभाग ने बीएड के शैक्षणिक सत्र 2024-24 में निर्धारित 100 सीटों पर शत-प्रतिशत नामांकन करा कर लगभग एक दशक बाद फिर से इतिहास रचा है. इसमें निदेशक डाॅ घनश्याम मिश्र एवं बीएड के विवि नोडल आफिसर डाॅ अवन कुमार राय का व्यक्तिगत योगदान रहा है. स्टेट नोडल यूनिवर्सिटी की ओर से आवंटित छात्रों से मोबाइल पर संपर्क कर नामांकन सुनिश्चित कराने में बीएड विभाग के निदेशक एवं नोडल आफिसर ने काफी मेहनत की है. बताया जाता है कि जब से बीएड कोर्स में दो वर्षीय पाठ्यक्रम की शुरुआत हुई, तब से पिछले सत्र तक शिक्षाशास्त्र विभाग शत-प्रतिशत सीटों पर नामांकन नहीं करा पाया था. लनामिवि के डीडीइ के अधीन संचालित बीएड नियमित विभाग की तर्ज पर यहां भी छात्रों का प्रति सेमेस्टर नियमित वर्ग संचालित होता है. संस्कृत संभाषण शिविर का भी आयोजन होता है. वर्ग में शत-प्रतिशत नामांकित छात्रों की उपस्थिति अनिवार्य है. एनएसएस, स्पोर्टस सहित छात्रों की सहभागिता से संबंधित विवि में जिस किसी प्रकार की गतिविधियां होती है, उसमें बीएड विभाग के छात्र-छात्रा ही मुख्य रूप से आगे रहते हैं. विवि सूत्रों की मानें तो एनसीटीइ के मानक की तुलना में फिलहाल विभाग में निदेशक सहित 10 फैकल्टी ही कार्यरत हैं. यहां फैकल्टी मेंबर सहित शिक्षकेतर कर्मचारियों की कमी है, बावजूद उपलब्ध फैकल्टी मेंबर एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों के सहारे छात्रों को बेहतर शिक्षा दिलाने का प्रयास विभाग की ओर से किया जाता है. वैसे स्ववित्तपोषित संस्थान होने के बावजूद शिक्षा शास्त्र विभाग में कार्यरत शिक्षाकर्मियों की अक्सर शिकायत रहती है कि उन्हें ससमय वेतन का भुगतान नहीं होता है, जबकि इनके वेतन मद के भुगतान के लिए राज्य सरकार या विवि के अनुदान की जरूरत नहीं है. अपने विभाग के खाता में संचित राशि से ही भुगतान होना है. इसके लिए विवि अधिकारी की सिर्फ अनुमति की आवश्यकता होती है. वेतन भुगतान के लिए विवि अधिकारियों के आदेश में विलंब के कारण ही यहां के शिक्षाकर्मियों को समय पर नियमित वेतन भुगतान नहीं हो पाता है.

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