वार्ड नौ में एकमात्र इंडिया मार्का-टू चापाकल लोगों का सहारा
चनौर के लोग भीषण पेयजल संकट से जूझ रहे हैं.
मनीगाछी. वैसे तो प्रखंड के प्राय: प्रत्येक पंचायत में भू-गर्भीय जलस्तर के नीचे खिसक जाने से जलसंकट गहरा गया है, लेकिन इसमें चनौर के लोग भीषण पेयजल संकट से जूझ रहे हैं. इस पंचायत के अधिकांश वार्डों के चापाकल सूख गये हैं. कहीं-कहीं लगे इंडिया मार्का-टू चापाकल चालू है, पर उसपर लोगों की बढ़ती भीड़ के कारण यह चापाकल भी हांफने लगे हैं. इससे पीने के पानी के लिए लोगों को अब चिंता सताने लगी है. इधर सरकार की सबसे महत्वपूर्ण योजना नल-जल अपनी स्थापना कल से ही बंद पड़ा हुआ है. इससे पूरे पंचायत में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है. वार्ड नौ में लगे एकमात्र इंडिया-टू मार्का चापाकल लोगों के जीने का आधार बना हुआ था, लेकिन इसपर लोगों के अत्यधिक दबाव के कारण यह चापाकल भी अब हांफने लगा है. कभी भी यह चापाकल पानी देना बंद कर सकता है. वार्ड नौ निवासी सोमनाथ झा, भक्तिनाथ झा, रोहित मिश्र, सुमनजी झा, रामजी मुखिया, मुनेश्वर मुखिया आदि ने बताया कि आंगन में लगे चापाकल सूख जाने के कारण पानी की भीषण समस्या हो गयी है. फिलहाल वार्ड में लगे एक मोटा पाइप वाला चापाकल लोगों का सहारा बना हुआ है, लेकिन एक-दो दिनों से वह भी हांफने लगा है. लोगों ने बताया कि कहने के लिए पंचायत के सभी वार्डों में लाखों की लागत से नल-जल लगा हुआ है, लेकिन विभागीय उदासीनता के कारण लोगों को एक बूंद पानी नसीब नहीं हो रहा है. पीएचइडी अभी भी इस नल-जल को चालू कर जलापूर्ति बहाल कर देता तो वार्ड व पंचायतवासियों को पीने के पानी के लिए दर-दर भटकना नहीं पड़ता. लोगों ने बताया कि नल-जल पंचायत से पीएचइडी को हस्तगत होने के बाद से निर्बाध रूप से पानी की आपूर्ति की आस जगी थी, लेकिन अधिग्रहण के बाद से आज तक शायद कोई देखने भी नहीं आया. इस कारण सामान्य खराबी के कारण भी पंचायत के कई नल-जल बेकार पड़े हैं. पीएचइडी द्वारा पंचायत में शीघ्र जलापूर्ति की व्यवस्था नहीं की गयी तो गांववासी सड़क पर आंदोलन को बाध्य हो जाएंगे. कार्यपालक अभियंता, पीएचइडी आदित्य शंकर ने बताया कि चनौर पंचायत में जलसंकट की सूचना मिली है. कनीय अभियंता को वार्ड नौ सहित अन्य वार्डों के भी नल-जल को शीघ्र चालू करने का निर्देश दिया गया है. विभाग की ओर से नल-जल योजना को चालू कराने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य चल रहा है.-
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