वैज्ञानिक एवं पर्यावरण कार्यकर्ता प्लास्टिक के बढ़ते उपयोग एवं कार्बन उत्सर्जन के खतरे से चिंतित
विश्व पृथ्वी दिवस पर तालाब बचाओ अभियान और अभंडा पोखर बचाओ समिति लहेरियासराय की ओर से अभंडा पोखर के पास विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया.
दरभंगा. विश्व पृथ्वी दिवस पर तालाब बचाओ अभियान और अभंडा पोखर बचाओ समिति लहेरियासराय की ओर से अभंडा पोखर के पास विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया. तालाब बचाओ अभियान के संयोजक नारायण जी चौधरी ने कहा कि विश्व पृथ्वी दिवस का इस वर्ष की थीम ‘प्लेनेट वर्सेस प्लास्टिक’ है. कहा कि विश्व के वैज्ञानिक और पर्यावरण कार्यकर्ता प्लास्टिक के बढ़ते उपयोग एवं कार्बन उत्सर्जन से होने वाले खतरे से जल, जमीन, जंगल, जैव-विविधता और जन-स्वास्थ्य आदि पर हानिकारक प्रभाव से चिंतित हैं. विश्व के वैज्ञानिक धरती को आज माता कहते हैं, जबकि हमारे यहां वैदिक काल से ही धरती को माता कहा गया है. सघन जन जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत उमेश राय ने सामाजिक स्तर पर सघन जन जागरूकता अभियान चलाने की बात कही. कहा कि लोगों के व्यवहार में सुधार की जरूरत है. भोज और पार्टी में अनावश्यक रूप से प्लास्टिक के प्लेट, ग्लास, कटोरा आदि का प्रचलन बढ़ा है. सभी कचरा अंत में जलाशय या जमीन में जमा होता है. डॉ अशोक कुमार ने कहा की धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन में प्लास्टिक का उपयोग कम किया जा सकता है या बिना उपयोग के भी काम चलाया जा सकता है. इंदिरा कुमारी ने कहा कि देश में प्रति वर्ष 35 लाख टन प्लास्टिक का कचरा जलाशय और जमीन में जमा होता है. मो. तासिम, जय शंकर प्रसाद गुप्ता और मनोज कुमार साह ने जल, जैव-विविधता और पर्यावरण से जुड़े सर्वोच्च न्यायालय, उच्च न्यायालय और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल आदि के आदेशों के जमीन पर अनुपालन नहीं होने के अपने-अपने अनुभव साझा किये. धरती माता पर बढ़ा संकट, जल-थल के जीवों के लिए खतरा सदस्यों ने कहा कि धरती माता पर जो संकट बढ़ा है, वह जल एवं थल के जीवों के लिए खतरा बनता जा रहा है. इसके लिए सघन जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है. बैठक में गोलू कुमार, अनमोल कुमार, ओम प्रकाश साह, राम लखन सहनी, लक्ष्मण कुमार, अभय कुमार, कैलाश साह, उमेश पंजियार आदि मौजूद रहे. कन्हैया कुमार महतो ने धन्यवाद ज्ञापन किया.