पति की सलामती का प्रतीक लोकपर्व वट सावित्री आज, तैयारी पूरी
अक्षय सुहाग की कामना के साथ मनाया जानेवाला विवाहिताओं का महत्वपूर्ण लोकपर्व वट सावित्री के लिए व्रतियों में उत्साह है
दरभंगा. आपदाओं से पति की सलामती के साथ अक्षय सुहाग की कामना के साथ मनाया जानेवाला विवाहिताओं का महत्वपूर्ण लोकपर्व वट सावित्री के लिए व्रतियों में उत्साह है. बाजार से घर तक में बुधवार को तैयारी के लिए चहल-पहल रही. छह जून गुरुवार को व्रतियां विधानपूर्वक वट वृक्ष की पूजा करेंगी. इसके लिए बाजार में पूजन सामग्रियों की दुकानों पर खरीदारों की भीड़ लगी रही. पूजा में प्रयुक्त डलिया, बेना, साझी की खरीदारी में व्रतियां लगी रही. कारोबारी रागिनी ने बताया कि मेहंदी 50 से 500 रुपये तक बिक रही है. ज्यादातर महिलाएं 50 से 100 रुपए तक की मेहंदी हाथ सजाने के लिए ले गयी हैं. डलिया 40 से 80 रुपये जोड़ा बिक रहा है. बताया जाता है कि इस पर्व में पांच तरह के मौसमी फल अर्पित की परंपरा है. फल बाजार में भी फल दुकानदारों ने फल का स्टॉक पहले से फुल कर रखा था. लहठी खरीदने आई सरिता सिंहा ने बताया पर्व में लाह की चूड़ी पहनना शुभ होता है, इसलिए इसे खरीद कर ले जा रहे हैं. इस लोकपर्व में बांस से बना पंखा बेना से पति के प्रतीक वट वृक्ष को पंखा झलने का विधान है, इसलिए पर्याप्त संख्या में इसकी दुकानें सजी हुई हैं. बाजार में बेना 50 से 60 रुपये जोड़ा बिक रहा है. लीची 120 से 150 रुपये सैकड़ा, केला 45 से 60 रुपये दर्जन, आम 60 से 80 रुपये किलो मिल रहा है. उल्लेखनीय है कि सभी सुहागन महिलाएं इस दिन उपवास रखकर विधिवत पूजन करती हैं. नवविवाहिताओं के घर पहले साल वृहत स्तर पर यह पूजा की जाती है. इस संबंध में पंडित आलोक नाथ झा बताते हैं कि इस बार पूजन का शुभ मुहूर्त छह जून की सुबह 8.56 से लेकर सुबह 10.37 तक है.
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