Darbhanga News :सनातन ढांचे को सुदृढ़ कर अन्य विभाजनों से हम कर सकते बचाव

Darbhanga News : प्रो. लक्ष्मी निवास पांडेय ने कहा कि हमारी उदारता एवं सहिष्णुता के साथ- साथ एकता के अभाव का बेजा लाभ उठाकर विदेशियों ने सालों- साल हम पर राज किया. महान जीवन दर्शन के कारण भी विदेशी प्रहार हुआ.

By Prabhat Khabar News Desk | August 15, 2024 10:25 PM
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Darbhanga News : कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. लक्ष्मी निवास पांडेय ने कहा कि हमारी उदारता एवं सहिष्णुता के साथ- साथ एकता के अभाव का बेजा लाभ उठाकर विदेशियों ने सालों- साल हम पर राज किया. महान जीवन दर्शन के कारण भी विदेशी प्रहार हुआ. सभ्यता व संस्कृति तक को नष्ट करना चाहा, लेकिन सनातन धारा चलती रही. वे हमारे ज्ञान को नहीं लूट सके. भारत विभाजन विभीषिका विषय पर बुधवार को दरबार हॉल में आयोजित संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. पांडेय ने यह बातें कही. कुलपति ने कहा कि इतिहास से सीखकर हम संगठित हों, एकत्रित हों. सनातन धर्म एवं संस्कृति के साथ- साथ सनातन ढांचे को सुदृढ़ करना होगा. तब ही अन्य विभाजन से हम बच सकते हैं. कहा कि नीति एवं कूटनीति के अलावा कुछ राजनेताओं के कारण देश का विभाजन हुआ था. नयी पीढ़ी को इसके बारे में बताने की जरूरत है.

Darbhanga News : नयी पीढ़ी से अमृतसर एक्सप्रेस कहानी एवं उपन्यास झूठ सच पढ़ने को कहा

लनामिवि के सेवानिवृत्त मानविकी संकाय अध्यक्ष डॉ प्रभाकर पाठक ने कहा कि विभीषिका कभी खत्म नहीं होती. इसकी परछाई सदा मौजूद रहती है. कहा कि देश विभाजन के मूल में सिर्फ और सिर्फ तत्कालीन राजनीति थी. सरदार बल्लभ भाई पटेल देश बंटवारे के विरोध में थे, लेकिन वे भी अंत में लाचार हो गए. कहा कि राजनीति को जब धर्म लपेटता है, तो विभाजन जैसा दंश सम्भव हो जाता है. प्रो. पाठक ने नयी पीढ़ी से अमृतसर एक्सप्रेस कहानी एवं उपन्यास झूठ सच पढ़ने को कहा, जिसमें विभाजन की विभीषिका जीवंत वर्णन है.

प्रतिकुलपति प्रो. सिद्धार्थ शंकर सिंह ने कहा कि विभाजन जहां कहीं भी हुआ है, वहां विभीषिका स्वतः आ जाती है. सभी विभीषिका दर्द भरी होती है. कहा कि इतिहास को याद कर हम जाति, धर्म व संप्रदाय के नाम पर नहीं बंटें. सवाल उठाया कि तब ऐसी कौन सी मजबूरी थी, जो बिना जनमत संग्रह कराए ही देश का विभाजन कर दिया गया. आरएसएस के विभाग प्रचारक रविशंकर मिश्र ने कहा कि आज अखण्ड भारत संकल्प दिवस है. भारतीय संस्कृति व सभ्यता के माध्यम से देश को एक सूत्र में बांधे रखने की जरूरत है. राष्ट्रीयता के आधार पर हम सभी को एक रहना है. पीआरओ निशिकांत ने बताया कि डॉ रामसेवक झा के संयोजन व संचालन में सम्पन्न संगोष्ठी की शुरुआत डॉ ध्रुव कुमार मिश्र के मंगलाचरण से हुई. मंचासीन अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन किया गया. धन्यवाद ज्ञापन विकास पदाधिकारी डॉ पवन कुमार झा ने किया.

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