24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बुढ़िया-सुखरासी गांव समेत दियारा क्षेत्र का किया दौरा

दरभंगा व सहरसा जिले की सीमावर्ती इलाके बुढ़िया-सुखरासी गांव समेत दियारा क्षेत्र का शुक्रवार को एसडीओ उमेश कुमार भारती, एसडीपीओ मनीष चंद्र चौधरी, बीडीओ किशोर कुमार सहित लगभग आधा दर्जन थाना के पुलिस अधिकारियों ने दौरा किया.

कुशेश्वरस्थान पूर्वी. दरभंगा व सहरसा जिले की सीमावर्ती इलाके बुढ़िया-सुखरासी गांव समेत दियारा क्षेत्र का शुक्रवार को एसडीओ उमेश कुमार भारती, एसडीपीओ मनीष चंद्र चौधरी, बीडीओ किशोर कुमार सहित लगभग आधा दर्जन थाना के पुलिस अधिकारियों ने दौरा किया. उजुआ-सिमरटोका पंचायत के बुढ़िया-सुकरासी गांव के महादलित परिवार का पलायन करने की खबर विभिन्न अखबारों में प्रकाशित होने को प्रशासन ने गंभीरता से लेते हुए एसडीओ, एसडीपीओ के संयुक्त नेतृत्व में पुलिस अधिकारी व जवान गांव पहुंचे. अधिकारी वस्तुस्थिति से अवगत हुए. दर्जन भर से अधिक लोगों से पूछताछ की. ग्रामीण लालो सदा की पत्नी तारणी देवी, मोची सदा के पुत्र रघुनी सदा, बेचन सदा, लक्ष्मी सदा, लालो सदा सहित अन्य ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में कई निजी बैंक द्वारा लोन फाइनेंस करने का धंधा फल-फूल रहा है. निजी बैंक छोटे-मोटे रोजगार करने के लिए ग्रुप लोन बिना किसी सबूत के लोगों के निजी साख पर आसानी से फाइनेंस करता है. विभिन्न कारोबार के नाम पर लोग कई बैंक कर्मियों से ऋण तो ले लेते हैं, लेकिन कोई कारोबार नहीं कर उस राशि का दुरुपयोग कर देते हैं. मजदूरी करने वाले लोगों को समय पर ऋण का किस्त जमा नहीं करने पर कर्मचारी का कोपभाजन बनना पड़ता है. निजी बैंक कर्मियों के द्वारा किस्त जमा करने के लिए टॉर्चर किए जाने के भय से लोग गांव से परिवार सहित पलायन कर परदेस जाकर रह रहे हैं. वहीं एकमात्र योगेन्द्र सदा की बहन मीरा देवी ने कहा कि साधु यादव गिरोह के दवाब में उसके भाई ने पलायन किया है. इस संबंध में एसडीपीओ चौधरी ने बताया कि इन दोनों का आपसी पुराना विवाद चल रहा है. हालांकि वहां मौजूद अन्य महिला-पुरुषों ने बताया कि ग्रुपलोन के कारण लोग नहीं रहते हैं. वही एसडीओ भारती व एसडीपीओ ने बताया कि अपराधियों के आतंक से ग्रामीणों का गांव छोड़कर पलायन करने बात गलत है. लोग लोन के किस्त जमा नहीं करने पर बैंक कर्मियों के तकादा से बचने व रोजी-रोटी की तलाश में पलायन किये हैं. उन्होंने तिलकेश्वर थानाध्यक्ष शैलेश कुमार को अपराधियों पर नजर रखने तथा लोन फाइनेंस करने वाले कम्पनी के नियम कानून की पड़ताल कर लोनी का दोहन होने से बचाने का निर्देश दिया. मौके पर बीडीओ किशोर कुमार, कुशेश्वरस्थान थानाध्यक्ष राकेश कुमार सिंह, घनश्यामपुर थानाध्यक्ष अजित कुमार के अलावा बिरौल, जमालपुर के थानाध्यक्ष सहित भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद थे. प्रखंड में दर्जनों से अधिक लोग ग्रूप लोन के कारण घर छोड़कर फरार होने लगे हैं. जानकारों का कहना है कि गांव-गांव में निजी कम्पनी वाले खासकर महिला को ग्रुप लोन देने की बात कहते हैं. कई लोगों का कहना है कि निजी कम्पनी वाले गांव-गांव जाते हैं और खासकर महिला को अपना आघार कार्ड देकर आसान किस्तों पर ऋण लेने को कहते हैं. किस्त आसानी से सप्ताह या 15 दिन या महीना में चुकता करने को कहा जाता है. कहा जाता है कि आपके घरवाले या बेटा प्रदेश में रहते हैं तो एक बार इतनी राशि कहा से देंगे. इसके लिए आप आसान किस्तों पर ऋण ले सकते हैं. इसपर कम पढ़ी महिलाएं उनके झांसे में आ जाती हैं और ऋण ले लेती हैं. एक-एक महिला तो तीन से चार लोन ले लिए हैं. क़िस्त जमा करने की बात आती है तो दो हजार से 25 सौ तक महीना देती हैं. इन गरीब महिला को क्या पता कि ब्याज दर क्या है. उस स्थिति में प्रदेश में रहने वाले पति को कॉल कर जानकारी देती हैं कि घर पर लोन वाले क़िस्त लेने के लिए आये हैं. एक से दो क़िस्त जमा भी करते हैं. शेष किस्त जमा नहीं कर पाती हैं तो निजी कम्पनी वाले ऋण वसूली के लिए घर पर महिलाओं पर दवाब भी बनाते हैं. केस करने की धमकी भी देते हैं. दवाब के कारण कई लोग गांव छोड़कर फरार होने को मजबूर हो जाते हैं. यहां तक कि कई बार ऋण जमा नही करने के दवाब में आकर सुसाइड करने की नौबत भी आ जाती है. यहां यह प्रश्न उठता है कि आखिर इसका जिम्मेवार कौन है. आखिर कबतक गरीब लोग ऐसे निजी कम्पनी से लोन लेकर घर छोड़कर भागते रहेंगे.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें