दरभंगा में पिछले साल की तुलना में एक फुट से अधिक नीचे खिसका जलस्तर, अलर्ट मोड में विभाग
दरभंगा में जहां गर्मी के कहर से लोग परेशान हैं, वहीं जिला में तेजी से भू-गर्भीय जलस्तर में गिरावट आ रही है. विभाग के पास आठ हजार लीटर वाला 25 चलंत टैंकर है, परंतु पांच ही नगर निगम को उपलब्ध कराया गया है.
दरभंगा में जहां गर्मी के कहर से लोग परेशान हैं, वहीं जिला में तेजी से भू-गर्भीय जलस्तर में गिरावट आ रही है. पीएचइडी विभाग के पास इस समस्या से निबटने के लिए उपलब्ध संसाधन जनसंख्या के हिसाब से नाकाफी है. विभाग के पास आठ हजार लीटर वाला 25 चलंत टैंकर है, परंतु पांच ही नगर निगम को उपलब्ध कराया गया है.
जानवरों की प्यास बुझाने के लिए मात्र आठ कैटल ट्रफ
पीएचइडी के पास लावारिस व पालतू जानवरों की प्यास बुझाने के लिए मात्र आठ कैटल ट्रफ उपलब्ध है. इससे पूरे जिला के जानवरों की प्यास नहीं बुझायी जा सकती. यही हाल चापाकल मरम्मत का भी है. लगभग 20 वर्ष पहले से प्रधान मिस्त्री के स्वीकृत पद 25 हैं. इसमें से अधिकांश परलोक सिधार चुके हैं. 10 सेवानिवृत्त हो चुके हैं. इन्हें संविदा पर नियोजित किया गया है. इनके भरोसे एक-चार की चापाकल मरम्मत टीम संचालित है. यानी, एक प्रधान मिस्त्री और तीन हेल्पर की टीम है.
भू-जल का गिरा लेयर
पीएचइडी की रिपोर्ट के मुताबिक 31 मार्च तक अधिकतर क्षेत्र में पानी का लेवल 2021 की तुलना में घट गया है. कई ऊपरी सतह वाले क्षेत्र में एक फुट तक पानी का स्तर नीचे चला गया है. दूसरी ओर कई क्षेत्र ऐसे हैं, जहां पानी का स्तर 2021 की तुलना में कुछ ही इंच कम हुआ है. बता दें कि वर्ष 2021 में इस महीने पानी का जलस्तर 14 फुट तीन इंच था. वहीं, चालू साल के इस महीने में ही पानी का जलस्तर 13 फुट दो इंच तक पहुंच गया है, जबकि सामान्यता भू-जल का स्तर 18 फीट पर होना चाहिए.
अलर्ट मोड में आया विभाग
भूजल स्तर में गिरावट की रिपोर्ट मिलने के बाद विभाग ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि पानी की दिक्कत आने से पहले ही तैयारी पूरी कर लें. उन इलाकों की निगरानी बढ़ा दें, जहां पानी का स्तर मार्च में ही गिर गया है. विभाग का मानना है कि अगर इसी तरह गर्मी रही, तो अप्रैल अंत तक जलस्तर में और जगहों पर भी गिरावट आ सकती है. पीएचइडी द्वारा पांच चलंत पेयजल टैंकर नगर निगम को उपलब्ध कराया गया है. इसके के माध्यम से संकटग्रस्त इलाकों में जलापूर्ति की जा रही है.
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ग्रामीण क्षेत्रों में भी पेयजल संकट
ग्रामीण क्षेत्र के 322 वार्ड में हर घर नल का जल पहुंचाने की जिम्मेवारी पीएचइडी की है. अब तक 318 वार्ड में नल का जल घर तक पहुंचाने का दावा किया जा रहा है. हालांकि, अधिकांश वार्ड में स्थिति खराब है. कहीं पाइप लीकेज को कहीं अधूरे काम की वजह से जलापूर्ति समुचित तरीके से नहीं हो पा रही है.
मवेशी के लिए पानी का प्रबंध
गर्मी में जानवरों को पानी उपलब्ध कराने के लिए भी प्रबंध किया गया है. इसके तहत जिला के बहेड़ी, बेनीपुर एवं बहादुरपुर प्रखंड मुख्यालय को कैटल ट्रफ पीएचइडी द्वारा उपलब्ध कराया गया है.
शिकायत कोषांग चालू
पीएचइडी कार्यालय एवं समाहरणालय परिसर स्थित आपदा प्रबंधन कार्यालय में नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है. यहां जलापूर्ति संबंधित शिकायत की जा सकती है, इसका निबटारा किया जा रहा है.