Darbhanga News: दरभंगा. विद्या की अधिष्ठात्री देवी भगवती सरस्वती के पूजन की तैयारी पूरी कर ली गयी है. पूजा स्थल पर भगवती की प्रतिमा स्थापित करने के साथ साज-सज्जा काम पूरा कर लिया गया है. वातावरण में भक्ति गीतों के बोल गूंज रहे हैं. सोमवार को शुभ मुहूर्त में विधिवत भगवती की पूजा-अर्चना की जायेगी. इसके बाद प्रसाद वितरण होगा. इसकी तैयारी में विशेष कर युवाओं की टोली रविवार की देर रात तक जुटी रही. बता दें में शिक्षण संस्थानों से लेकर छात्रावासों एवं विभिन्न मुहल्लों मेंं देवी सरस्वती की प्रतिमा स्थापित कर पूजा-अर्चना की तैयारी है. इसमें बच्चे से लेकर युवाओं की पूरी फौज जुटी हुई नजर आयी.
सुबह 9.49 तक मुहूर्त सर्वोत्तम
ज्ञान की देवी सरस्वती का पूजन पंचमी तिथि को होता है. वैसे तो पंचमी तिथि रविवार से ही आरंभ हो गई लेकिन उदय व्यापिनी पंचमी सोमवार को है, इसलिए सरस्वती पूजा दो फरवरी को ही की जा रही है. सरस्वती पूजा के मुहूर्त्त को लेकर ज्योतिषी पंडित विश्वनाथ शास्त्री ने बताया कि सूर्योदय के पश्चात से सुबह 9.49 तक पूजन के लिए मुहूर्त्त उत्तम है. पंचमी तिथि में सूर्योदय हो रहा है. इसमें उदयव्यापिनी ग्राह्य है, इसलिए पूरे दिन पूजन हो सकता है, लेकिन 9.49 तक पूजा आरंभ कर देना सर्वोत्तम होगा.दूर से ही ध्यान खींच रही पंडालों की सजावट
ऋतुराज बसंत का स्वागत सरस्वती पूजन के साथ मिथिलावासी करते हैं. इसके लिए जगह-जगह पंडाल का निर्माण किया गया है. रंग-बिरंगे पंडालों को बिजली बल्ब के झालरों से सजा दिया गया है. घरों में भी प्रतिमा स्थापित कर पूजन की तैयारी है. बता दें कि दरभंगा मेडिकल कॉलेज, आइंस्टीन छात्रावास, कटहलवाड़ी, लक्ष्मीसागर, कादिराबाद, दोनार, बेंता, बलभद्रपुर, बंगालीटोल, पंडासराय, बेला दुल्ला सहित कई स्थलों पर धूमधाम से पूजा-अर्चना की जा रही है. इसके लिए मौलागंज, रामबाग, वाजितपुर सहित ग्रामीण इलाकों में बड़ी संख्या में तैयार प्रतिमा को पूजन स्थल पर ले जाने के लिए अहले सुबह से ही भीड़ लगी रही. वैसे शनिवार से ही सुदूर ग्रामीण इलाके के श्रद्धालु प्रतिमा ले जाने लगे थे. रविवार को प्राय: सभी प्रतिमा पूजन स्थल पर पहुंच गयी. दूसरे जिला मधुबनी से भी लोग प्रतिमा लेने के लिए पहुंचे. ग्रामीण क्षेत्र से कोई ट्रैक्टर, तो कोई पिकअप, कोई ठेला से प्रतिमा ले गए. इस वजह से देर शाम तक दरभंगा-लहेरियासराय मुख्य पथ जाम रहा.बाजार में लगी रही भीड़
इधर, बाजार में भी भगवती को अर्पित करने के लिए केसौर, बेर, गाजर आदि के साथ फलों की खरीदारी लोगों ने जमकर की. भोग लगाने के लिए एक दिन पहले से ही कारीगर बुंदिया छानने में जुटे रहे. शहर से लेकर गांव तक विद्या की अधिष्ठात्री देवी की आराधना को लेकर भक्तों का उत्साह चरम पर नजर आया.
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