दरभंगा. कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय में योग दिवस पर दरबार हॉल में योगाभ्यास के साथ संगोष्ठी हुई. अध्यक्षता करते हुए प्रभारी कुलपति प्रो. सिद्धार्थ शंकर सिंह ने कहा कि योग शरीर की हर कोशिका को स्वस्थ और बेहतर बनाने की दिशा में काम करता है. इसके नियमित अभ्यास से शरीर में अपने आप ही रोग प्रतिरोधक क्षमता बलवती हो जाती है. योग के अन्तर्गत मुख्य रूप से यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान को चरणबद्ध तरीके से व्यवहार में लाया जाता है. पूर्व कुलपति प्रो. देवनारायण झा ने कहा कि योग हमारी दिनचर्या का एक आवश्यक भाग होना चाहिए. योग से विभिन्न दुखों का शमन होता है. इस बात की पुष्टि श्रीमद्भगवद्गीता में वर्णित ””””योगो भवति दुःखहा”””” श्लोक से भी होती है. स्नातकोत्तर प्रभारी प्रो. सुरेश्वर झा ने कहा कि तीन धातुओं से योग शब्द की उत्पत्ति होती है. बताया कि आसन का योगसूत्र में केवल नाम मात्र उल्लेख प्राप्त होता है. कहा कि योग को केवल ””””योग दिवस”””” के रूप में नहीं अपितु ””””संकल्प दिवस”””” के रूप में मनाना चाहिए. धर्मशास्त्र विभागाध्यक्ष प्रो. दिलीप कुमार झा ने विषय प्रवर्तन किया. कुलसचिव डॉ दीनानाथ साह ने स्वागत भाषण एवं अध्यक्ष छात्र कल्याण डॉ शिवलोचन झा ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया पीआरओ निशिकांत प्रसाद सिंह ने बताया कि योग प्रशिक्षक शशि भूषण गुप्ता एवं डॉ उपासना सिंह ने योगाभ्यास कराया. एनएसएस पदाधिकारी डॉ सुधीर कुमार झा के देख-रेख में आयोजित कार्यक्रम का संयोजक पवन सहनी तथा सहसंयोजक डॉ मुकेश प्रसाद निराला बनाये गए थे. संगोष्ठी में डॉ विनय कुमार मिश्र, डॉ कुणाल कुमार झा, प्रो.दयानाथ झा, डाॅ शंभु शरण तिवारी, डाॅ दिनेश झा, डाॅ पवन कुमार झा, डाॅ कृष्णा नंद मिश्र, डाॅ शैलेंद्र मोहन झा, डाॅ तेज नारायण झा, डाॅ सुनील कुमार झा, डाॅ रवींद्र कुमार मिश्र, विजय शंकर झा, अभिमन्यु कुमार, सुशील कुमार झा, आनंद भास्कर और सुधीर कुमार सिंह मौजूद थे. साईं योग संस्थान में योग करने के फायदे बताये दरभंगा. साईं योग संस्थान लहेरियासराय में शुक्रवार को योगाभ्यास कार्यक्रम का दीप जलाकर उद्घाटन करते हुए संस्थापक मायाधीश राय ने कहा कि करें योग, रहें निरोग. उन्होंने इसे दिनचर्या में शामिल करने की अपील की. इसके पूर्व वहां शांति पाठ व भजन भी किया गया. योगगुरु बीपी मंडल द्वारा योग के विभिन्न तरीको को बताया गया. साथ ही अनुलोम विलोम, ताड़ासन, भुजंगासन,सूर्य नमस्कार , कपालभाति, भ्रामरी, प्राणायाम आदि का अभ्यास कराया गया. इसमें मुख्य रूप से ब्रजभूषण प्रसाद, एमके चौधरी, महादेव ठाकुर, रामशंकर सिंह, विजय आनंद, अरुण कुमार आदि शामिल रहे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है