Darbhanga News: दरभंगा. लनामिवि के पीजी रसायनशास्त्र विभाग में नेहरू युवा केंद्र की ओर से “नशीली दावाओं की लत और मादक द्रव्यों के सेवन ” विषय पर सेमिनार का आयोजन विभागाध्यक्ष प्रो. प्रेम मोहन मिश्रा की अध्यक्षता में हुआ. प्रो. मिश्रा ने कहा कि छात्र- युवाओं में शैक्षणिक नशा होना चाहिए. नशीली दावाओं एवं मादक द्रव्यों का सेवन विनाश करता है. कहा कि यदि हर युवा संकल्प लें, कि मादक द्रव्यों का सेवन नहीं करेंगे और न ही दूसरों को करने देंगे, तो इसका उत्पादन एवं व्यापार स्वत: समाप्त हो जाएगा.
मादक द्रव्यों के प्रति लोगों को जागरूक कर समाज में बनें उदाहरण – प्रो. नारायण
संकायाध्यक्ष प्रो. पुष्पम नारायण ने कहा कि आनुवांशिक, मनोवैज्ञानिक, कार्य तनाव तथा अभिभावकों के समयाभाव से दिग्भ्रमित होकर युवा नशापान का शिकार होते हैं. नशापान के लिए युवाओं से ज्यादा दोषी उनके समाज एवं अभिभावक हैं. कहा कि छात्र संयमित होकर पढ़ाई द्वारा चरित्र निर्माण की लत लगाएं न कि नशापान का. मादक द्रव्यों के प्रति लोगों को जागरुक एवं प्रेरित कर खुद दूसरों के लिए समाज में उदाहरण बनें.
मादक पदार्थों से सुरक्षित युवा ही बन सकते नव परिवर्तन के वाहक- डॉ चौरसिया
एनएसएस के विश्वविद्यालय समन्वयक डॉ आरएन चौरसिया ने कहा कि नशापान, मादक द्रव्यों का सेवन तथा अवैध व्यापार से हम स्वयं को तथा समाज को बचाकर ही भावी पीढ़ी को स्वस्थ एवं सुरक्षित बनाने में सक्षम हो सकते हैं. मादक पदार्थों से सुरक्षित युवा ही नव परिवर्तन के वाहक एवं आदर्श बन सकते हैं. कहा कि मद्यपान व्यक्ति का शारीरिक, मानसिक एवं चारित्रिक पतन का सबसे बड़ा कारण है. डॉ सोनू राम शंकर ने नशापान को तामसी प्रवृत्ति बताया. कहा कि मादक पदार्थ जब हमारे ऊपर हावी हो जाता है, तो हम उसके अधीन हो जाते हैं. गलत लोगों की संगत के कारण ही युवा नशा सेवन सीखते हैं. उन्हें सत्गुण की ओर बढ़ाना चाहिए. खेलकूद, योगासन और संगीत आदि में ध्यान लगाना चाहिए. संचालन सुधा नंदन झा, स्वागत मुकेश कुमार झा तथा धन्यवाद ज्ञापन मणिकांत ठाकुर ने किया.
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