पटना. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने जमीन के मामलों में गड़बड़ी करने और ड्यूटी के प्रति लापरवाही, आदेशों की अवहेलना भ्रष्टाचार आदि आरोपों में आधा दर्जन अंचल अधिकारियों (सीओ) के खिलाफ कार्रवाई की है. अवैध जमाबंदी कायम कराकर दोहरी लगान रसीद जारी कराने के आरोप में दाउदनगर के सीओ विजय कुमार को निलंबित कर दिया है. संयुक्त सचिव कंचन कपूर ने निलंबन आदेश जारी किया है. वहीं, दाउद नगर की ही पूर्व सीओ स्नेह लता देवी और शिवसागर रोहतास के सीओ के खिलाफ भी विभागीय कार्यवाही चलेगी. स्नेहलता अभी पूर्णिया के बरहड़ा कोठी की सीओ हैं. वहीं जगदीशपुर भागलपुर के तत्कालीन सीओ, दरभंगा के बिरोल के सीओ, पूर्णिया के बायसी के सीओ और कटिहार के कुर्सेला के सीओ की एक वेतन वृद्धि रोकी गयी है.
सीओ विजय कुमार ने सक्षम प्राधिकार के आदेश के बिना बाबूराम दुसाध के नाम से जमाबंदी कायम कर दी और दोहरी लगान रसीद जारी करा दी. डीएम ने सीओ को विभिन्न आरोपों में दोषी पाये जाने के आधार पर कार्रवाई की सिफारिश की थी. सीओ को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर प्रमंडलीय आयुक्त कार्यालय मगध प्रमंडल गया से अटैच कर दिया गया है.
औरंगाबाद के एसडीओ ने नौ मार्च, 2021 को दाउद नगर अंचल का निरीक्षण किया था. तक तत्कालीन सीओ स्नेह लता देवी कार्यालय में नहीं थीं. यहां बाहरी व्यक्ति आॅनलाइन काम के बदले लोगों से पैसा की मांग कर रहे थे और बिना कारण दाखिल खारिज अस्वीकृत कर रहा था. मांगने पर भी एसडीओ को अभिलेख उपलब्ध नहीं कराये थे. जनशिकायत के मामले भी लंबित थे.
शिवसागर रोहतास के सीओ जितेंद्र प्रसाद राम के खिलाफ भी विभागीय कार्यवाही चलेगी. आरोप है कि कोरोना के समय वह रंगराचौक भागलपुर में तैनात थे और नोडल पदाधिकारी की जिम्मेदारी नहीं निभायी थी. अंचल में कोरोना को लेकर प्रोटोकाल-एसओपी का पालन नहीं कराया था. अन्य आरोप भी लगे थे. डीएम भागलपुर ने 15 जून 20 को कार्रवाई की सिफारिश की थी.
जगदीशपुर भागलपुर के तत्कालीन सीओ संजीव कुमार की एक वेतन वृद्धि रोक दी गयी है. दाखिल खारिज आवेदनों के निस्तारण में मनमानी करने के लिये उनके खिलाफ 13 सितंबर 21 को अनुशासनिक कार्रवाई की सिफारिश की गयी थी.
दरभंगा के बिरौल में सीओ रहे सूरज कांत की भी एक वेतन वृद्धि रोक दी गयी है. ग्राम पोखराम के पवन कुमार ने गैर मजरूआ भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए वाद दायर किया था. अनुमंडल लोक शिकायत पदाधिकारी के आदेश पर भी अतिक्रमण मुक्त नहीं कराया. बाद में डीएम ने आदेश दिया, लेकिन उसका भी पालन नहीं किया. पांच जनवरी 2018 को डीएम ने उनके खिलाफ कार्रवाई को पत्र लिखा था.
बायसी के सीओ राजनारायण राज की भी एक वेतन वृद्धि को रोक दिया गया है. बिहार लाेक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के तहत दायर परिवाद की सुनवाई में नौ अक्तूबर, 2020 को उपस्थित होना था, लेकिन दो-दो बार बुलाये जाने के बाद भी वह सुनवाई को नहीं पहुंचे थे.
कटिहार के कुर्सेला में 2019 में सीओ रहे अमर कुमार वर्मा को भी एक वेतन वृद्धि पर रोक का दंड दिया गया है. उन पर सामूहिक सड़क दुर्घटना और प्राकृतिक आपदाओं के मामले में अभिलेख समय से उपलब्ध न कराने के लिए दोषी पाये गये थे.