परिवार में जब कोई नन्हा मेहमान आता है तो घर में खुशियों की बरसात हो जाती है. लेकिन उस परिवार के ऊपर क्या गुजरा होगा जब अस्पताल के एक कमरे में पिता की मौत हुई, तो उसी अस्पताल के दूसरे कमरे में एक परी का जन्म होता है. जी हां, दिल को चीरकर रख देने वाली घटना बिहार के जमुई से सामने आई है. जहां पिता की मौत के अगले दिन जब उसका जनाजा निकल रहा था तो उसी वक्त उसकी बेटी का जन्म हुआ.
सड़क हादसे में गई पिता की जान
बता दें कि गुरुवार को जमुई जिले के झाझा थाना क्षेत्र में नए साल की पिकनिक मनाकर लौट रहे चार युवक सड़क दुर्घटना का शिकार हो गए थे और उनमें से 3 की मौके पर ही मौत हो गई थी. इन चार में से झाझा प्रखंड क्षेत्र के शक्ति घाट गांव का रहने वाला मो. चांद भी शामिल थे. सड़क दुर्घटना के बाद मो. चांद को इलाज के लिए झाझा रेफरल अस्पताल लाया गया था जहां उन्हें बचाने की जद्दोजहद चल रही थी, उसी अस्पताल के दूसरे कमरे में उसकी पत्नी नूरजहां खातून को प्रसव पीड़ा के बाद भर्ती कराया गया था. जहां उसने बेटी को जन्म दिया.
बिहार की ताजा खबरों के लिए यहां क्लिक करें
कुदरत के सामने बेबस नजर आया परिवार
नूरजहां खातून को प्रसव के लिए रेफरल अस्पताल में भर्ती कराए जाने के बाद परिवार के लोग मो. चांद के शव का अंतिम संस्कार करने के लिए घर लेकर चले गए. लोग जनाजे की तैयारी कर रहे थे. इसी दौरान नूरजहां ने एक बेटी को जन्म दिया. दोपहर 2:00 के करीब मो. चांद का जनाजा निकाला गया. एक तरफ लोग मो. चांद को आखिरी बार उसके घर से लेकर जा रहे थे. तो ठीक उसी वक्त उसकी पत्नी अपने हाथों में अपनी नवजात मासूम को लिए उसे घर में प्रवेश कर रही थी. इस घटना ने सभी के हृदय को झकझोर कर रख दिया है. जिसने भी इसके बारे में सुना वह कुदरत के इस कहर और कुदरत के इस कानून के पीछे बंद कर रह गया. बताया जाता है कि जिस वक्त मो. चांद को जनाजे के लिए तैयार किया जा रहा था, उस वक्त उसकी पत्नी अपने पति का चेहरा भी नहीं देख पाई.