बिहार के सभी भूमि सुधार उपसमाहर्ताओं (डीसीएलआर) को अंचल के हर एक काम की निगरानी करने का निर्देश दिया गया है. इसका मकसद लोगों को तय समय पर दाखिल-खारिज, लगान, एलपीसी, परिमार्जन जैसी सुविधाओं का लाभ उपलब्ध करवाना है. इसके साथ ही राजस्व विभाग के सभी अधिकारियों को भूमि सर्वे को एक साल के अंदर पूरा करने में सहयोग करने के लिए कहा गया है. यह निर्देश राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री आलोक कुमार मेहता ने दी है. वे बुधवार को लगातार दूसरे दिन पटना के शास्त्री नगर स्थित सर्वे प्रशिक्षण संस्थान में डीसीएलआर की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान वहां उन्होंने आम का पौधा लगाया. यह पौधा पुपरी के डीसीएलआर द्वारा साल में तीन बार फल लगने का दावा कर भेंट में दिया गया था.
मंत्री आलोक कुमार मेहता ने सभी डीसीएलआर से विभाग की बेहतरी का सुझाव मांगा. उनके सुझावों का विभाग गंभीरता से अध्ययन करेगा और अच्छी बातों को लागू करने का प्रयास करेगा. ऑपरेशन बसेरा की चर्चा करते हुए मंत्री आलोक मेहता ने कहा कि पहले से सर्वेक्षित 24 हजार परिवारों को साल के अंत तक घर बनाने के लिए तीन से पांच डिसमिल भूमि दिया जाना है. उन्होंने सुझाव दिया कि कॉलोनी बनाकर लोगों को बसाया जाए और दूसरे विभाग से समन्वय स्थापित कर बिजली, पानी और सड़क जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करके भूमि दी जाये. कोई भी परिवार वास योग्य भूमि के बगैर नहीं रहे.
बैठक में उपस्थित अपर मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने सभी भूमि सुधार उपसमाहर्ताओं को सप्ताह में चार दिन न्यायालय संबंधी कार्य करने का निर्देश दिया. इसका मकसद दाखिल खारिज अपील में लंबित मामलों का निबटारा करना है. उन्होंने बैठक में उपस्थित विभाग के सचिव जय सिंह को सभी समाहर्ताओं को पत्र देकर गैर राजस्व कार्यों में नहीं लगाने से संबंधी अनुरोध पत्र भेजने का निर्देश दिया. साथ ही कहा कि अगले सप्ताह से प्रत्येक शुक्रवार को डीसीएलआर के कार्यों की जूम ऐप के जरिए समीक्षा की जाएगी. इस समीक्षा में विशेषकर बीएलडीआर एक्ट, दाखिल खारिज अपील वाद और जमाबंदी पंजियों को 100 फीसदी ऑनलाइन करने के कार्यों पर फोकस किया जाएगा.
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राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री आलोक कुमार मेहता ने आज उत्कृष्ट कार्य करनेवाले भूमि सुधार उप समाहर्ता को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया.
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सुपौल के निर्मली के भूमि सुधार उप समाहर्ता नुरूल एन को मार्च महीने की भूमि सुधार उपसमाहर्ताओं की रैंकिंग में प्रथम स्थान हासिल हुआ है. उन्हें 100 में से 88.35 फीसदी अंक प्राप्त हुए हैं.
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86.21 फीसदी अंक हासिल करके मधेपुरा जिले के उदाकिशुनगंज के भूमि सुधार उपसमाहर्ता को दूसरा स्थान प्राप्त हुआ है.
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बांका सदर की भूमि सुधार उप समाहर्ता को तीसरा स्थान हासिल हुआ है. उन्हें मंगलवार को ही सम्मानित किया जा चुका है.
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राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग हर महीने अपर समाहर्ता, भूमि सुधार उप समाहर्ता और अंचल अधिकारियों की रैंकिंग जारी करता है. इस रैंकिंग में सर्वाधिक दाखिल-खारिज वादों के निरीक्षण के लिए 30 अंक, दाखिल-खारिज अपील वादों के लिए 20 अंक, बीएलडीआर मामलों के निष्पादन पर 20 अंक दिए जाते हैं. सबसे अच्छा प्रदर्शन करनेवाले पांच भूमि सुधार उपसमाहर्ताओं को राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जाता है.