गया शहर के पंचायती अखाड़ा-बादाम गली मुहल्ले में रहनेवाली सुधा देवी व उसके बेटे बबलू साह का शव रविवार की देर शाम कोतवाली थाने की पुलिस ने दरवाजा तोड़ कर बरामद किया. दोनों के शव अंदर कमरे में फंदे से झूल रहे थे और कमरे से काफी दुर्गंध आ रही थी. किसी प्रकार पुलिस ने साड़ी को लपेट कर बनाये गये फंदे से दोनों शवों को उतारा और पोस्टमार्टम के लिए मगध मेडिकल भेजा. जानकारी के अनुसार, कोतवाली थाना क्षेत्र के पंचायती अखाड़ा-बादाम गली में रहनेवाली सुधा देवी के घर से रविवार को दुर्गंध आनी शुरू हुई, तो लोगों को शक हुआ. खेज-खबर लेने के दौरान उनके घर के दरवाजे पर लगा लोहे का गेट अंदर से बंद मिला.
आस-पड़ोस के लोगों ने किसी प्रकार खिड़की को बाहर से धक्का देकर खोला, तो सन्न रह गये. सुधा का फंदे से झूलती दिखीं. अंदर अंधेरा होने के कारण यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा था कि फंदे से एक अन्य शव झूल रहा है. इधर, घटना की जानकारी पाते ही कोतवाली थानाध्यक्ष कुमार कौशलेंद्र अकेला ने मौके पर सब इंस्पेक्टर राजेश पासवान सहित दो पुलिस पदाधिकारियों को भेजा, पर काफी प्रयास के बाद भी दरवाजा नहीं खुला. बाद में थानाध्यक्ष ने वहां दरवाजा काटने को लेकर मिस्त्री को भेजा और तब देर शाम दरवाजा खुल सका. कमरे में मां-बेटे का शव झूल रहा था और काफी दुर्गंध भी आ रही थी.
पुलिस ने वहां छानबीन की, तो एक थाली में पांच-पांच सौ रुपये के फटे नोट काफी संख्या में रखे हुए थे. नोट पर टूटी-फूटी भाषा में किसी वकील व जज के बारे में कुछ लिखा हुआ है. कमरे की दीवार पर भी कुछ लिखा हुआ था. जहां शव लटक रहे थे, वहां जमीन पर एक कॉपी में सुसाइट नोट लिखा था. उस पर मोबाइल फोन रखा हुआ है. मुहल्ले के लोगों ने पुलिस को बताया कि महिला सुधा दूसरे के घरों में काम कर अपने परिवार का भरण-पोषण करती थी. तीन दिन पहले मुहल्ले में देखी गयी थी और उसके बाद उसे किसी ने नहीं देखा.