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मुर्दे ने केनाल खोद कर ली मजदूरी, अब अधिकारी को चाहिए लिखित शिकायत

क्षेत्र में केंद्र और राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मनरेगा इन दिनों सिर्फ लूट का जरिया बन कर रह गयी है.

अजय कुमार झा, बाराहाट : क्षेत्र में केंद्र और राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मनरेगा इन दिनों सिर्फ लूट का जरिया बन कर रह गयी है. सरकार की यह योजना जहां स्थानीय लोगों के रोजगार और उनके पलायन को रोकने के उद्देश्य से बनायी गयी थी, लेकिन वर्तमान समय में यह योजना क्षेत्र में पूरी तरह से लूट पर आधारित है. इसके लिए बिचौलिए और जनप्रतिनिधि कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से सरकारी राशि का बंदरबांट करते हुए गरीबों की हकमारी कर रहे हैं. इसके लिए रोजगार सेवक से लेकर जनप्रतिनिधि तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं. ताजा मामला प्रखंड के गोड़धावर पंचायत से सामने आया है. जहां मनरेगा कार्य में 10 साल पूर्व मृत महिला मजदूर के नाम से सरकारी राशि निकाल लिये जाने का खुलासा हुआ है. इस खुलासे के बाद पूरे पंचायत में मनरेगा में मची लूट पर बहस छिड़ गयी है.

क्या है मामला

गोड़धावर पंचायत के हिजरिया गांव निवासी भगत साह का नाम गोड़धावर पंचायत में 968 क्रमांक पर जॉब कार्ड सृजन किया गया. इस कार्ड में उनकी पत्नी मुनरी देवी पुत्र लखीचंद साह एवं संजय साह का नाम उल्लेख किया गया है. विभाग के वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, इस जॉब कार्ड पर मुनरी देवी ने 29 जुलाई 2016 को मंदार काकरिया में गजंडा तक कैनाल खुदाई में कुल 12 दिन का अपना मजदूरी के रूप में योगदान दिया और विभाग से मजदूरी भी ली. लेकिन ताज्जुब की बात यह है कि मुनरी देवी की मौत वर्ष 2010 में ही हो गयी थी. इस बात की जानकारी होते ही मृतका के पुत्र लखीचंद्र साह ने प्रखंड मुख्यालय पहुंच कर मामले की शिकायत भी की. लेकिन मृतका के पुत्र के मुताबिक, संबंधित जॉब कार्ड पर फर्जी निकासी होती रही और इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. इतना ही नहीं पंचायत में संचालित कई अन्य योजनाओं को भी कार्य में संचालित करते हुए अवैध रूप से सरकारी राशि निकाली गयी. जिनमें चपरा कोलहथा गांव में ग्रामीण सड़क का निर्माण और इसी गांव में बांध की खुदाई शामिल है. जिस पर बीते दिनों काफी हंगामा भी हुआ था. बावजूद इसके विभाग के द्वारा दोषी लोगों पर कार्रवाई ना होने से ग्रामीणों में अधिकारियों के प्रति क्षोभ व्याप्त है.

कहते हैं अधिकारी

इस पूरे मामले पर कार्यक्रम पदाधिकारी सुरेश पासवान ने बताया कि मामला काफी पुराना है और उनके कार्यकाल का नहीं है. संबंधित मामले में कोई भी जानकारी उनके पास उपलब्ध नहीं है. उन्होंने कहा अगर लिखित शिकायत प्राप्त होती है, तो जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.

posted by ashish jha

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