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बिहार में मुर्दों को भी मिल रहा रोजगार, मनरेगा में मजदूरी मिली, मिला प्रधानमंत्री आवास, जानें पूरा मामला

बिहार में प्रधानमंत्री आवास ग्रामीण का लाभ मृतकों को भी दे दिया गया. मृतकों को मजदूरी का भी कर भुगतान कर दिया गया. बिना वास स्थल खरीदे प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किये गये. पीएम आवास में दिव्यांगों के लिए स्वीकृत पांच फीसदी कोटे के नियम का भी पालन नहीं किया गया.

पटना. बिहार में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण व मनरेगा में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी पकड़ी गयी है. प्रधानमंत्री आवास ग्रामीण का लाभ मृतकों को भी दे दिया गया. मृतकों को मजदूरी का भी कर भुगतान कर दिया गया. बिना वास स्थल खरीदे प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किये गये. पीएम आवास में दिव्यांगों के लिए स्वीकृत पांच फीसदी कोटे के नियम का भी पालन नहीं किया गया. महालेखाकार ने बिहार के 10 जिलों में इस तरह की गड़बड़ियां पकड़ी हैं. इसके बाद ग्रामीण विकास विभाग के सचिव एन सरवन कुमार ने राज्य के सभी डीएम और डीडीसी को पत्र भेजा है. नियमों के अनुसार कार्य करने का आदेश दिया है.

एक ही कार्यवाही में लाभुकों को पहले अयोग्य फिर योग्य बनाया

महालेखाकार की जांच में पाया गया कि सीतामढ़ी के बैरगनियां प्रखंड में एक ही कार्यवाही में प्रधानमंत्री आवास के लाभुकों को अयोग्य फिर बाद में योग्य बता दिया गया. बिना कोरम पूरा किये ग्रामसभा की गयी. कागज में छेड़छाड़ किये गये. भूमिहीनों को मुख्यमंत्री वास स्थल सहायता योजना की राशि दी गयी. मगर, लाभुकों की ओर से जमीन नहीं खरीदी गयी. बिना जमीन खरीदे लाभुकों को आवास स्वीकृत कर दिये गये. राजस्व व भूमि सुधार विभाग की ओर से इसका अनुश्रवण भी नहीं किया गया. प्रतीक्षा सूची में शामिल सबसे ऊपर के लाभुकों को आवास योजना का लाभ नहीं मिला.

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पीएम आवास में बिजली, पानी शौचालय नहीं

प्रधानमंत्री आवास में बिजली कनेक्शन, पानी और शौचालय नहीं मिले. एलपीजी कनेक्शन भी नहीं पाया गया. राज मिस्त्रियों के प्रशिक्षण के लिए चयनित परिवार अयोग्य थे. मनरेगा में मानव दिवस सृजन में एकरूपता नहीं थी. पीएम आवास के लाभुकों को छोड़कर अन्य व्यक्तियों को मनरेगा योजना से मजदूरी का भुगतान किया गया. एक सप्ताह में पीएम आवास की पहली किस्त लाभुकों को देनी थी, मगर समय के अंदर भुगतान नहीं किया गया.

इन 10 जिलों के प्रखंडों में एजी ने पकड़ी थी गड़बड़ी

सारण के दिघवारा, महरौरा, अमनौर, सीतामढ़ी के बैरगनियां, डुमरा, रून्नीसैदपुर, मधुबनी के अंधराठाढ़ी, हरलखी, लौकही, दरभंगा के अलीनगर, दरभंगा, वैशाली के भगवानपुर, जन्दाहा, पातेपुर, खगड़िया के अलौली, गोगरी, बांका के अमरपुर, बेलहर, फुल्लीडूमर, समस्तीपुर के बिठान, सरायरंजन, कल्याणपुर, अरवल के करपी, अरवल तथा औरंगाबाद के औरंगाबाद, गोह, नवीनगर प्रखंड में ऑडिट किया गया था.

भाजपा ने की पूरे मामले की जांच की मांग

बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम व बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी ने इस मामले में सरकार को घेरा है. उन्होंने इस पूरे मामले की गंभीरता से जांच कराने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि 10 जिलों के प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंकेक्षण में महालेखाकार बिहार ने बड़े पैमाने पर गड़बड़ी उजागर की है. उन्होंने कहा कि योजना के लिए जो अयोग्य हैं, उन्हें भी भुगतान कर दिया गया है. जो लाभार्थी अस्तित्व में भी नहीं हैं उन्हें भी पूर्ण भुगतान कर दिया गया है. वहीं नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने दावा किया है कि प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना में मृतकों के नाम पर पैसा जारी कर दिया गया है. इस मामले की जांच होनी चाहिए.

यूपी के बाद बिहार में ही बने सबसे अधिक आवास

सुशील मोदी ने कहा कि महालेखाकार की अंकेक्षण टीम ने यह भी पाया कि मकानों के लोकेशन का अव्यवहारिक जीरो टैगिंग, गलत खाते में किस्तों का भुगतान जैसी अनियमितता के अनेक मामले पाए गए हैं. बिहार सरकार ने भी अनियमितता को स्वीकार किया है. ग्रामीण विकास विभाग ने सभी उप-विकास आयुक्तों को पत्र लिखकर कहा है कि मृत लोगों के नाम पर भुगतान, अयोग्य लोगों को किस्तों का भुगतान, गलत खातों में भुगतान के मामलों की तहकीकात किए जाएं. इस पत्र में यह भी कहा गया है कि भारत सरकार के दिशा निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाए. भाजपा मांग करती है कि निगरानी से बिहार के सभी जिलों में इस योजना की जांच कराई जाए. क्योंकि, उत्तर प्रदेश के बाद सर्वाधिक प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास बिहार को ही आवंटित किए गए हैं.

महज 10 जिलों में इतनी अनियमितता

वहीं विजय सिन्हा ने आरोप लगाते हुए कहा कि महालेखाकार की जांच में मृत व्यक्तियों को लाभ, अपात्र लोगों को योजना की राशि का भुगतान औऱ निर्मित ही नहीं हुए आवास की राशि भी दे दी गई. आवास स्थलों की अवास्तविक जियो टैगिंग औऱ गलत खातों में किस्तों का भुगतान किया गया. महलेखाकार ने अभी मात्र 10 जिलों का ही ऑडिट किया है. शेष 28 जिलों का भी यही हाल होगा. उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास विभाग ने खुद पत्र जारी कर सभी डीडीसी को यह जानकारी दी है. इससे पता चलता है कि राज्य सरकार के अधिकारियों के द्वारा अपनी योजनाओं के अलावा केंद्र सरकार की योजनाओं में भी गड़बड़ी की जा रही है. मनरेगा, किसान सम्मान निधि सहित अनेक योजनाओं में गड़बड़ी हुई है, लेकिन महागठबंधन सरकार को इसकी परवाह नहीं है. राज्य की जनता इनको आनेवाले चुनाव में सबक सिखाएगी.

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