पटना. सर्दी का कहर जारी है. 24 घंटे के अंदर सर्दी से ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट अटैक से तीन मरीजों की मौत हो गयी. इनमें आइजीआइएमएस, पीएमसीएच व आइजीआइसी अस्पताल में एक-एक मरीज शामिल हैं. इन तीनों अस्पताल में ब्रेन स्ट्रोक व हार्ट अटैक से ग्रस्त सात गंभीर मरीजों को भर्ती किया गया है. आइजीआइएमएस में ब्रेन स्ट्रोक के कुल 30 मरीजों का इलाज चल रहा है. जबकि पीएमसीएच में भी 13 मरीज पहले से भर्ती हैं. इनमें जांच कराने के बाद दो मरीजों में कोरोना की पुष्टि की गयी है. वहीं जानकारी देते हुए आइजीआइएमएस के मेडिकल सुपरिडेंटेंड डॉ मनीष मंडल ने बताया कि ठंड में ब्रेन व दिल के मरीजों की संख्या अधिक हो गयी है. ऐसे में बुजुर्ग मरीज अपने सेहत का विशेष ख्याल रखें. गर्म कपड़े व गर्म पानी का ही इस्तेमाल करें.
पटना जिले में लगातार बढ़ती सर्दी का असर लोगों की सेहत पर पड़ने लगा है. मौसमी बीमारियों की वजह से शहर के पीएमसीएच, आइजीआइएमएस, गार्डिनर रोड अस्पताल के अलावा छोटे सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों के ओपीडी में सर्दी-खांसी और बुखार के पीड़ितों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. शाम होते ही सर्दी अपना असर दिखाने लगती है. मरीजों में बच्चों के साथ बुजुर्ग भी शामिल हैं. प्रत्येक आयु वर्ग के लोग इसके शिकार हो रहे हैं. फ्लू के मरीज भी कोरोना की आशंका पर इलाज कराने अस्पताल पहुंच रहे हैं. मरीजों में बुखार, कंपकंपी, नाक बंद, गले में दर्द, हाथ-पैर में दर्द, मांसपेशियों में खिंचाव के लक्षण अधिक दिखने को मिल रहे हैं.
अस्पतालों के ओपीडी में आने वाले कुल मरीजों की संख्या 30 प्रतिशत मरीज सिर्फ मौसमी बीमारी के पहुंच रहे हैं. पीएमसीएच में रोजाना करीब 850 मरीज इलाज कराने पहुंच रहे हैं. इनमें करीब 256 मरीज ठंड से संबंधित बीमारी से पीड़ित होकर इलाज कराने आये थे. यही हाल शहर के छोटे सरकारी अस्पतालों में देखने को मिल रहा है. सुबह 9 बजे के बाद ओपीडी में मरीजों की संख्या बढ़ती रही. जैसे-जैसे मौसम साफ हुआ, वैसे-वैसे मरीज यहां बढ़ गये.
शहर के इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ एनके अग्रवाल ने बताया कि मौजूदा समय में फ्लू से बचाव के लिए ठंड से बचाव करें. खासतौर पर बच्चों को लेकर सजग रहें. नवजात को कंगारू केयर देने के साथ ही मां का दूध दें, ताकि ठंड से बचाव हो और उसकी प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित न हो. वहीं बुजर्गों पर भी विशेष ध्यान दें. शरीर को गर्मी प्रदान करने वाले आहार ज्यादा मात्रा में लें. बच्चों के खाने पर विशेष ध्यान दें व ठंडी चीज खिलाने से परहेज करें. सांस लेने में तकलीफ होने पर तुरंत चिकित्सक के पास ले जाएं.