दानापुर कोर्ट परिसर में शुक्रवार को कुख्यात अभिषेक उर्फ छोटे सरकार की गोली मारकर हत्या कर दी गयी. इस हत्याकांड की साजिश मुजफ्फरपुर में रची गयी थी. गिरफ्तार समरजीत और एक नाबालिग ने पुलिस के समक्ष कई खुलासे किए हैं. उन लोगों से पुलिस को जो जानकारी मिली, उसके मुताबिक छोटे सरकार की हत्या को अंजाम देने में छह लोग शामिल थे. जिनमें से दो को मौके पर ही पकड़ लिया गया है और तीन की पहचान कर ली गई है. जबकि एक की अभी तक पहचान नहीं हो पाई है. साथ ही साजिशकर्ता के रूप में नौबतपुर के कुख्यात मनोज सिंह और उसके बेटे माणिक सिंह का नाम सामने आया है. मनोज सिंह और माणिक सिंह ने मुजफ्फरपुर के एक अपराधी को 12 लाख रुपये की सुपारी दी थी और दो लाख रुपये एडवांस दिये थे. साथ ही काम होने के बाद दस लाख रुपये देने का वादा किया था.
14 दिसंबर की शाम ही मुजफ्फरपुर से पटना आ गये थे आरोपी
आरोपियों ने पुलिस के सामने जो जानकारी दी है उसके अनुसार, छोटे सरकार के शुक्रवार को कोर्ट में पेशी होने की सूचना भी दोनों शूटरों को दे दी गयी थी. इसके बाद हत्या करने के लिए समरजीत व एक अन्य 14 दिसंबर की शाम ही मुजफ्फरपुर से पटना आ गये थे और राजीव नगर इलाके के एक होटल में रुके थे. इसके बाद सुबह में ही वे दोनों जेपी गंगा पथ पर चले गये. जहां स्कॉर्पियो के साथ दो और अपराधी पहले से मौजूद थे. उन लोगों ने समरजीत व नाबालिग को स्कॉर्पियो पर बैठाया और गाड़ी के अंदर ही हथियार भी सौंप दिया. इसके बाद दोनों को दानापुर कोर्ट के बाहर लाकर छोड़ दिया.
माणिक सिंह को रिमांड पर लेगी पुलिस
इधर, एक अन्य अपराधी ने एक बाइक को दानापुर कोर्ट परिसर के अंदर लाकर लगा दिया, ताकि घटना को अंजाम देने के बाद दोनों उसी बाइक से भाग सके. लेकिन वे दोनों पकड़े गये. सिटी एसपी वेस्ट राजेश कुमार भी अपने स्तर पर जांच कर रहे हैं. जांच पूरी होने के बाद और भी नयी बातें सामने आ सकती है. इस मामले में पुलिस माणिक सिंह को रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी.
मनोज सिंह व माणिक को खुद की हत्या का था शक
देवघर कोर्ट में अमित सिंह की हत्या कर दी गयी. इस मामले में मनोज सिंह और मानिक सिंह का नाम सामने आया था. अमित सिंह और अभिषेक उर्फ छोटे सरकार के बीच दोस्ती थी. जिससे माणिक सिंह को शक हो गया कि अभिषेक उर्फ छोटे सरकार ने उसे भी मारने की सुपारी ली है. सूत्रों का कहना है कि अमित सिंह की हत्या के बाद एक मामले की सुनवाई के दौरान अभिषेक उर्फ छोटे सरकार के बीच बातचीत हुई थी और दोनों ने एक-दूसरे को देख लेने की धमकी दी थी. दोनों के बीच की दुश्मनी की जानकारी जेल प्रशासन को भी थी, इसलिए उन्हें अलग-अलग वार्ड में रखा गया था. माणिक सिंह को डर था कि कोर्ट परिसर में उनकी हत्या हो सकती है. इस बीच माणिक सिंह के दोस्त और कुख्यात उज्जवल को भी जानीपुर स्थित उसके घर से गिरफ्तार कर लिया गया.
मुजफ्फरपुर में रची गई साजिश
माणिक व उज्जवल के मुजफ्फरपुर में अच्छे कांटेक्ट हैं. उज्जवल खुद मुजफ्फरपुर में हुए प्रोपर्टी डीलर आशुतोष शाही हत्याकांड में जेल में बंद है और इसके संबंध मंटू शर्मा से है. माणिक ने अपने संपर्क के आधार पर मुजफ्फरपुर के एक अपराधी को तैयार किया और फिर समरजीत व नाबालिग हत्या के लिए तैयार हो गये. इसके बाद उनके पटना आने व दानापुर कोर्ट तक पहुंचाने की सारी व्यवस्था कर ली गयी. इस घटना में साजिशकर्ता मनोज सिंह व माणिक सिंह के अलावा जो चार अन्य अपराधी शामिल हैं, वे सभी नौबतपुर व बिहटा के हैं. पुलिस इन सभी को पकड़ने के लिए छापेमारी कर रही है.
क्या कहते हैं एसएसपी
एसएसपी राजीव मिश्रा ने बताया कि मनोज सिंह व माणिक सिंह को शक था कि उनकी हत्या की जा सकती है और इसकी सुपारी अभिषेक ने ली है. इसके बाद ही मुजफ्फरपुर में हत्या की साजिश रची गयी. पकड़े गये दोनों के अलावा चार और लोग इस पूरे घटना को अंजाम देने में शामिल थे. तीन की पहचान कर पकड़ने के लिए छापेमारी की जा रही है. एक की फिलहाल पहचान नहीं हो पायी है. इधर, पुलिस कर्मियों की कार्यशैली पर उठे सवाल को लेकर एसएसपी ने कहा कि सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों ने काफी बहादुरी का परिचय देते हुए दोनों को सफलतापूवर्क पकड़ा है.