बिहार में जहरीली शराब से मौत पर सुप्रीम कोर्ट में 9 जनवरी को होगी सुनवाई, मुआवजे पर आना है फैसला
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा कि बिहार के छपरा में स्वतंत्र और एसआईटी जांच की मांग वाली याचिका पर नौ जनवरी को सुनवाई होगी. मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के सामने सुनवाई के लिए याचिका पेश की गयी.
पटना. बिहार में जहरीली शराब से हुई मौत मामले पर सुप्रीम कोर्ट में 9 जनवरी को सुनवाई होगी. मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने नौ जनवरी की डेट इस मामले में दी है. मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा कि बिहार के छपरा में स्वतंत्र और एसआईटी जांच की मांग वाली याचिका पर नौ जनवरी को सुनवाई होगी. मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के सामने सुनवाई के लिए याचिका पेश की गयी. अगले सोमवार को मामले की सुनवाई करने पर सहमति दी गई है.
स्वतंत्र विशेष जांच दल का गठन करने की मांग
आर्यावर्त महासभा फाउंडेशन की ओर अधिवक्ता पवन प्रकाश पाठक ने याचिका दायर की है. इसमें अवैध शराब के निर्माण, व्यापार और बिक्री पर अंकुश लगाने के लिए राष्ट्र कार्य योजना तैयार करने की मांग की गई थी. जनहित याचिका में आगे राज्य सरकार को निर्देश देने की मांग की गई है कि पीड़ित परिवार को पर्याप्त मुआवजा दिया जाये. कहा गया कि लोगों के बिहार में निष्क्रिय अधिकारों का उल्लंघन किया है जिस कारण मुआवजे की बात अटक गयी है. याचिका में कहा गया है कि प्रतिवादी द्वारा स्वतंत्र विशेष जांच दल का गठन किया जा सकता है.
बिहार सरकार ने 2016 में राज्य में शराब की बिक्री पर लगाया प्रतिबंध
बिहार सरकार ने 2016 में राज्य में शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया है. सरकार की प्रतिबंध को लागू करने में पर्याप्त विफलता और कई प्रतिकूल परिणामों के लिए तीखी आलोचना हुई है. बिहार में नेपाल, पश्चिम बंगाल, झारखंड और उत्तर प्रदेश के साथ अपनी सीमाओं से शराब आती है. याचिका में दावा किया गया है कि शराब की कई त्रासदियों के परिणाम स्वरूप सैकड़ों मौतें हुईं हैं. याचिका में कहा गया है कि यह पहली बार नहीं है जब भारत में जहरीली शराब के सेवन से लोगों के मरने की घटना सामने आई है. इसमें कहा गया है कि हाल के वर्षों में गुजरात, पंजाब और हरियाणा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक आदि से इसी तरह का एक मामला सामने आया था जिसमें जानमाल का नुकसान हुआ था.