बिहार के छह जिलों में वज्रपात से 11 लोगों की मौत, मुख्यमंत्री ने चार लाख मुआवजा देने का दिया निर्देश
बिहार में हर दिन वज्रपात से मौत की खबर सामने आ रही है. बुधवार देर शाम से गुरुवार तक वज्रपात से कूल 11 लोगों की मौत हो गई है. जिसमें सबसे अधिक तीन मौतें गया और कैमूर जिले में हुई है. इन मौतों से मर्माहत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मृतकों के आश्रितों को तत्काल चार लाख मुआवजा देने का निर्देश दिया है.
बिहार में वज्रपात से हो रही मौतों का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. राज्य में बुधवार देर शाम से गुरुवार तक वज्रपात से कूल 11 लोगों की मौत हो गई है. ठनका से मरने वाले लोगों में कैमूर से तीन, गया से तीन, नवादा से दो, रोहतास से एक, बक्सर से एक और बांका से एक लोग शामिल हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में वज्रपात से हुई मौत पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है.
चार लाख मुआवजा देने का निर्देश
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि आपदा की इस घड़ी में वह प्रभावित परिवारों के साथ हैं. उन्होंने सभी मृतक के परिजनों को तत्काल चार – चार लाख रुपये अनुग्रह अनुदान देने के निर्देश दिये हैं. साथ ही लोगों से अपील की है कि सभी लोग खराब मौसम में पूरी सतर्कता बरतें. खराब मौसम होने पर वज्रपात से बचाव के लिये आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा समय-समय पर जारी किये गये सुझावों का पालन करें. खराब मौसम में घरों में रहें और सुरक्षित रहें.
इंद्रवज्र ऐप इस्तेमाल करने की सलाह
बिहार सरकार ने वज्रपात की सही जानकारी प्राप्त करने के लिए इंद्रवज्र ऐप के इस्तेमाल की भी सलाह दी है. राज्य की उप मुख्यमंत्री रेणु देवी ने एक विज्ञप्ति जारी कर वज्रपात से हो रही मौतों पर चिंता जाहिर की है और साथ ही लोगों को इंद्रवज्र ऐप डाउनलोड करने की सलाह दी है.
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बुधवार को भी वज्रपात से हुई थी मौत
इससे पहले बुधवार को जमुई जिले में भी दो लोगों की ठनके के चपेट में आने से मौत हो गई थी. जमुई जिले के चकई प्रखंड में दो अलग अलग जगहों पर वज्रपात होने की वजह से दो किसानों की मौत हो गई थी. दोनों की मौत उस वक्त हुई थी जब वह खेत में धान की रोपनी कर रहे थे.