Bihar News: कोलकाता में उत्तर 24 परगना के बरानगर के बनहुगली स्थित भारतीय राष्ट्रीय दिव्यांग संस्थान (एनआईएलडी) के छात्रावास में बिहार के जमुई निवासी छात्र प्रियरंजन सिंह की संदिग्ध मौत अब पहेली बनी हुई है. हॉस्टल के कमरे में प्रियरंजन का शव फंदे से लटके हालत में पाया गया था. मृतक छात्र के परिजनों ने रैगिंग का शिकार होने की आशंका जताई है और बंगाल पुलिस पर भेदभाव का आरोप लगाया है. परिजन निष्पक्ष जांच की मांग लेकर जमुई में सड़क पर धरना देने बैठ गये.
बताते चलें कि बीते 29 नवंबर को पश्चिम बंगाल के एनआईएलडी में पढ़ने वाले जमुई जिले के चंद्रदीप थाना क्षेत्र के मोहम्मदपुर गांव निवासी पवन कुमार के छोटे पुत्र प्रिय रंजन की लाश उसके कमरे में संदेहास्पद अवस्था में मिली थी. परिजनों का कहना है कि प्रियरंजन लगातार रैगिंग का शिकार हो रहा था और आखिरकार 29 नवंबर को उसकी मौत हो गई. इसके विरोध में बुधवार सुबह मृतक प्रियरंजन के बड़े भाई प्रवीण रंजन तथा बड़ी संख्या में स्थानीय ग्रामीण आक्रोशित हो गए और उन्होंने मुख्य मार्ग को जाम कर दिया.
परिजन सड़क पर ही धरने पर बैठ गए. हाथों में जस्टिस फॉर प्रिय रंजन, प्रिय रंजन को न्याय दो जैसे नारों वाले होर्डिंग व पोस्टर लेकर लोगों ने जमकर विरोध जताया. मृतक प्रिय रंजन के भाई प्रवीण रंजन ने बताया कि मुझे यह बताया गया की बीते 29 नवंबर की रात 1:08 बजे मेरे भाई की लाश उसके कमरे में फंदे से झूलते हुई मिली. कॉलेज प्रबंधन और अन्य लोग इसे आत्महत्या के तौर पर देख रहे हैं, जबकि ऐसा कुछ भी नहीं है. उसने कहा कि अगर वह किसी प्रकार से मानसिक तनाव में होता तो इसकी जानकारी हमें अवश्य होती.
प्रवीण रंजन ने कहा कि मेरा भाई पूरी तरह से ठीक था और 30 नवंबर को कॉलेज में होने वाले फ्रेशर्स पार्टी की तैयारी कर रहा था. अपनी मौत से कुछ घंटे पहले तक उसने डांस की प्रैक्टिस की तथा पार्टी के लिए कपड़े भी खरीदे थे और अचानक ही उसकी मौत हो गई. प्रवीण रंजन ने स्थानीय पुलिस के द्वारा मामले में लीपापोती करने का प्रयास करने का आरोप भी लगाया.
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प्रवीण रंजन का आरोप है कि अगर यह घटना पश्चिम बंगाल के किसी छात्र के साथ हुई होती तब वहां की पुलिस मामले में अलग कार्रवाई करती, लेकिन एक बिहारी छात्र की मौत हुई है इसलिए घटना में लीपापोती का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि मेरे भाई के साथ कॉलेज के शुरुआती दिनों से ही रैगिंग शुरू हो गई थी. उसने इस बात का विरोध जताया तथा इसकी शिकायत कॉलेज प्रबंधन और एंटी रैगिंग सेल से भी की थी.
मामले में कोई कार्रवाई नहीं होता देख उसने कॉलेज छोड़ने का फैसला कर लिया था और वह हॉस्टल से वापस चला आया था. जानकारी के अनुसार, रैगिंग के आरोप में कुछ छात्र निलंबित भी किये गये. प्रियरंजन वापस कॉलेज चला गया था. प्रवीण रंजन का आरोप है कि उसके भाई के साथ रैगिंग में कोई कमी नहीं आई तथा लगातार उसे शिकार बनाया जाता रहा. उसके लगातार विरोध करने के कारण उसके सीनियर उसके काफी खिलाफ भी हो गए थे.
इधर प्रियरंजन को न्याय दिलाने के लिए ग्रामीण बीते 3 घंटे से लगातार मुख्य मार्ग को जाम कर बंगाल पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं और मामले में कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. घटना की सूचना पाकर स्थानीय पुलिस भी मौके पर पहुंची और उन्होंने लोगों को समझाने बुझाने का प्रयास किया, लेकिन सड़क जाम नहीं खोला जा सका.
चंद्रदीप थानाध्यक्ष अब्दुल हलीम ने बताया कि जब तक मौत के कारण का पता नहीं चल जाता तब तक इसकी वास्तविकता के बारे में कुछ भी नहीं कहा जा सकता है. हालांकि उन्होंने भरोसा दिलाया कि चूंकि मृतक छात्र मेरे थाना क्षेत्र का है, इसलिए उनके परिजनों को इन्वेस्टिगेशन में हमसे जितनी मदद संभव हो सकेगी हम जरूर करेंगे.
(जमुई से गुलशन कश्यप की रिपोर्ट)
Posted By: Thakur Shaktilochan