पटना. वित्त वर्ष 2021-22 में बिजली की दरों में बढ़ोतरी की संभावना नहीं है. ये संकेत बिहार विद्युत विनियामक आयोग के ताजा निर्णयों के आधार से मिले हैं. हालांकि, आम उपभोक्ताओं के लिए बिजली की दरों पर निर्णय अगले सप्ताह आने की संभावना है.
आयाेग के अध्यक्ष शिशिर सिन्हा ने शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन में बिहार स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड (बीएसपीटीसीएल) और स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर (एसएलडीसी) के टैरिफ पिटीशन पर निर्णय सुनाया.
वहीं, 12 मार्च को बिहार ग्रिड कंपनी लिमिटेड (बीजीसीएल) के टैरिफ पिटीशन पर आयोग ने आदेश पारित किया था. तीनों कंपनियों के लिए पारित आदेश में आयोग ने उनकी मांग में करीब 18.15 आयोग को बिहार स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड (बीएसपीटीसीएल) ने 2021-22 के लिए 1403.06 करोड़ रुपये के अनुमानित सकल राजस्व की आवश्यकता का प्रस्ताव दिया था.
आयोग ने जांच के बाद 1130.68 करोड़ रुपये की मंजूरी दी. इसमें 2019-20 का राजस्व अतिरेक और कैरिंग कॉस्ट 310.81 करोड़ रुपये शामिल हैं. वहीं, स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर (एसएलडीसी) ने 2021-22 के लिए 10.40 करोड़ रुपये के अनुमानित सकल राजस्व की आवश्यकता का प्रस्ताव दिया था. आयोग ने जांच के बाद 10.13 करोड़ रुपये की मंजूरी दी. इसमें 2019-20 का राजस्व अंतर 56 लाख रुपये शामिल हैं.
इससे पहले बिहार ग्रिड कंपनी लिमिटेड (बीजीसीएल) ने 2021-22 के लिए 533.51 करोड़ रुपये के वार्षिक राजस्व की आवश्यकता का प्रस्ताव आयोग को दिया था. आयाेग ने 2019-20 के कैरिंग कॉस्ट और 89.09 करोड़ रुपये रेवेन्यू सरप्लस को समायोजित कर 452.62 करोड़ रुपये स्वीकृत किया.
लगातार तीसरे साल बिजली की दरों में बढ़ोतरी नहीं होने पर इसका फायदा राज्य के करीब एक करोड़ 60 लाख बिजली उपभोक्ताओं को होगा. साथ ही कृषि सहित विशेष श्रेणी के उपभोक्ताओं को विशेष छूट मिल सकती है. शुक्रवार को टैरिफ पर आदेश सुनाने के दौरान आयोग के सदस्य आरके चौधरी और सुभाष चंद्र चौरसिया मौजूद रहे. यह आदेश एक अप्रैल 2021 से 31 मार्च 2022 तक या आयोग के अगले आदेश तक प्रभावी रहेगा.
Posted by Ashish Jha